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10 अखाड़ों को भूमि आवंटित
पहले चरण में संन्यासी और उदासीन अखाड़ों को भूमि आवंटित की गई।अखाड़ों ने अपनी भूमि पर सीमांकन और खूंटा गाड़ने की प्रक्रिया पूरी की।
बैठक के बाद बनी सहमति
मेला प्रशासन और अखाड़ा परिषद के बीच समन्वय बैठक में भूमि आवंटन पर अंतिम निर्णय हुआ।अखाड़ा परिषद ने प्रशासन के साथ मिलकर योजनाओं पर चर्चा की।
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सीएम योगी का निर्देश
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सभी तैयारियों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया।भूमि आवंटन प्रक्रिया 18 और 19 नवंबर को सम्पन्न हो रही है।
अखाड़ों की सजावट शुरू
भूमि मिलने के बाद अखाड़े अब अपने नियोजित कार्यक्रमों के अनुसार सजावट और बसावट का कार्य आरंभ करेंगे। यह भी पढ़ें
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महाकुंभ 2025: अखाड़ों का महत्व
महाकुंभ के आयोजन में अखाड़े, सनातन परंपरा और साधु-संतों की विरासत का प्रतीक हैं। अखाड़ों की छावनियां श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र होती हैं। महाकुंभ के दौरान ये अखाड़े आध्यात्मिक कार्यक्रमों और धार्मिक क्रियाकलापों का आयोजन करते हैं।अखाड़ा परिषद का बयान
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा: “हमारा मेला है और हमें अपनी जमीन से कोई समस्या नहीं है। प्रशासन हमारी सभी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। हमने जहां-जहां जमीन मांगी, प्रशासन ने हमें दी। यह महाकुंभ, हमारी संस्कृति और परंपराओं का पर्व है।” यह भी पढ़ें
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आगे की योजना
अन्य तीन वैष्णव अखाड़ों को भूमि का आवंटन 19 नवंबर को किया जाएगा।प्रशासन ने सुविधाओं को बढ़ाने और संतों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है।
भूमि पूजन के बाद अखाड़ों के बसावट का कार्य पूर्ण किया जाएगा।