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Maha Kumbh 2025: अखाड़ों की सजावट शुरू, कुंभ क्षेत्र में संतों की चहल-पहल बढ़ी

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में सनातन संस्कृति का उत्सव: अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू, भव्य आयोजन की तैयारी। Sadhus and Saints Bring Spiritual Energy to the Kumbh; CM Yogi Ensures Grand Arrangements

लखनऊNov 18, 2024 / 11:25 pm

Ritesh Singh

Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ 2025 जिसे सनातन परंपरा का सबसे बड़ा उत्सव माना जाता है, की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं। कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों की छावनी के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। संतों और साधुओं की उपस्थिति से कुंभ क्षेत्र की रौनक बढ़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिव्य और भव्य महाकुंभ के दृष्टिकोण के अनुरूप अखाड़ों को उनकी परंपरागत भूमि प्रदान की जा रही है।
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10 अखाड़ों को भूमि आवंटित

पहले चरण में संन्यासी और उदासीन अखाड़ों को भूमि आवंटित की गई।
अखाड़ों ने अपनी भूमि पर सीमांकन और खूंटा गाड़ने की प्रक्रिया पूरी की।

बैठक के बाद बनी सहमति

मेला प्रशासन और अखाड़ा परिषद के बीच समन्वय बैठक में भूमि आवंटन पर अंतिम निर्णय हुआ।
अखाड़ा परिषद ने प्रशासन के साथ मिलकर योजनाओं पर चर्चा की।
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सीएम योगी का निर्देश

मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए सभी तैयारियों को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया।
भूमि आवंटन प्रक्रिया 18 और 19 नवंबर को सम्पन्न हो रही है।

अखाड़ों की सजावट शुरू

भूमि मिलने के बाद अखाड़े अब अपने नियोजित कार्यक्रमों के अनुसार सजावट और बसावट का कार्य आरंभ करेंगे।

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महाकुंभ 2025: अखाड़ों का महत्व

महाकुंभ के आयोजन में अखाड़े, सनातन परंपरा और साधु-संतों की विरासत का प्रतीक हैं। अखाड़ों की छावनियां श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र होती हैं। महाकुंभ के दौरान ये अखाड़े आध्यात्मिक कार्यक्रमों और धार्मिक क्रियाकलापों का आयोजन करते हैं।

अखाड़ा परिषद का बयान

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा: “हमारा मेला है और हमें अपनी जमीन से कोई समस्या नहीं है। प्रशासन हमारी सभी आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। हमने जहां-जहां जमीन मांगी, प्रशासन ने हमें दी। यह महाकुंभ, हमारी संस्कृति और परंपराओं का पर्व है।”
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आगे की योजना

अन्य तीन वैष्णव अखाड़ों को भूमि का आवंटन 19 नवंबर को किया जाएगा।
प्रशासन ने सुविधाओं को बढ़ाने और संतों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है।
भूमि पूजन के बाद अखाड़ों के बसावट का कार्य पूर्ण किया जाएगा।

महाकुंभ की विशिष्टता

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में 12 साल बाद हो रहा है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था और सनातन संस्कृति के इस महापर्व को दिव्य और भव्य बनाने के लिए मेला प्रशासन और राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

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