पहला विधानसभा चुनाव होगा :- गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, वह तो हमेशा चुनाव लड़े हैं। इस बार भी पार्टी जहां से कहेगी, वहां से लड़ेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा, यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करता है। इस बयान के बाद यह माना जाने लगा है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यह उनके राजनीतिक जीवन का पहला विधानसभा चुनाव होगा।
रणनीति हो रही तैयार :- सूत्रों के अनुसार, भाजपा, सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा सरकार के सभी कद्दावर मंत्रियों को चुनाव में प्रत्याशी बनाने की रणनीति बना रही है। हालांकि पार्टी में अभी इस पर सहमति नहीं बन पाई है कि योगी आदित्यनाथ किस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
अयोध्या योगी के लिए मुफीद :- पार्टी में कुछ दिग्गजों का मानना है कि, अयोध्या विधानसभा सीट योगी के लिए काफी मुफीद रहेगी। उनका तर्क है कि वाराणसी से पीएम मोदी और अयोध्या से योगी। इस ‘मोदी-योगी’ जोड़ का विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी को काफी बड़ा राजनीतिक फायदा मिलेगा। अयोध्या से भाजपा के मौजूदा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता पहले ही अपनी सीट मुख्यमंत्री को ‘आफर’ कर चुके हैं।
समर्थकों का दबाव :- मुख्यमंत्री योगी अपने साढ़े चार साल के सीएम कार्यकाल में लगभग 30 बार अयोध्या गए हैं। जिले का नाम बदलकर अयोध्या किया। हर साल अयोध्या का सालाना बजट बढ़ाकर योजनाएं घोषित कीं। पर समर्थक कहते हैं गोरखपुर बाबा की अपनी कर्मभूमि है नहीं छोड़नी चाहिए।
योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक कैरियर :- वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का सीएम बनाया गया था। उस समय वो गोरखपुर से लोकसभा सांसद थे। फिर वो विधान परिषद का सदस्य चुने गए। योगी आदित्यनाथ 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। 26 साल के योगी आदित्यनाथ उस समय लोकसभा के सबसे युवा सदस्य थे। वो 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी गोरखपुर से लोकसभा के लिए चुने गए।