यूपी में ब्राह्मणों को रिझाने के लिए फिर ‘परशुराम’ लहर यूपी के प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने मंगलवार को ‘उप्र नगरीय परिसर किरायेदारी विनियमन नियमावली 2021’ का प्रारूप मंगलवार को जारी कर दिया गया है। साथ ही इस पर 27 जुलाई तक आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं। यह सुझाव और आपत्तियां हाउसिंग एंड अर्बन प्लानिंग सेक्शन एनेक्सी में भेजी जा सकती हैं। सुझाव और आपत्तियां दूर करने के बाद इसे यूपी कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद नोटिफिकेशन जारी होगा और नई व्यवस्था प्रभाव में आ जाएगी।
रेंट एग्रीमेंट जरूरी :- नई व्यवस्था के अनुसार मकान मालिक को निर्धारित प्रारूप पर किरायेदार से रेंट एग्रीमेंट करना होगा। जिसमें बताना होगा कि, किरायेदार से कितना किराये लिया जा रह है और कितने महीने वह रहेगा। साथ ही किरायेदार को दी जाने वाली सभी सुविधाओं की इसमें जिक्र होगा।
नौ फीसद वार्षिक साधारण ब्याज का दंड :- आवास विभाग एक किराया प्राधिकारी का गठन करेगा। अगर किरायेदार किराया नहीं देता है तो उस पर नौ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज लगाया जाएगा। और दंड के बाद उसका भुगतान करना पड़ेगा।
किरायेदारी अपीलीय अधिकरण का गठन :- विवाद होने पर उसे खत्म करने के लिए किरायेदारी अपीलीय अधिकरण का गठन किया जाएगा। किराया प्राधिकारी के किसी भी आदेश के खिलाफ इसमें अपील की व्यवस्था होगी। यूपी सरकार, किरायेदारी करारनामे पर विवाद के निपटारे के लिए हिंदी या अंग्रेजी में एक डिजिटल प्लेटफार्म भी तैयार कराएगी। इस पर सभी तरह के मामलों को अपलोड किया जाएगा।
अपीलकर्ता को मिलेगा यूआईडी :- अपील दाखिल करने वाले को यूआईडी प्रदान किया जाएगा जिससे उसकी पहचान होगी। मकान मालिक या किरायेदार की मृत्यु होने पर विधिक वारिस 90 दिनों के अंदर इसकी सूचना किराया प्राधिकारी को दे सकेगा।
मकान मालिक मोबाइल नंबर जरूरी :- मकान मालिक को बेदखली और कब्जा बहाली के लिए किराया प्राधिकरण को अपना आवेदन देना होगा। किरायेदार पर अगर कोई शुल्क बकाया होगा तो उसकी जानकारी देनी होगी। आवेदन तभी स्वीकार किया जाएगा जब मकान मालिक या उसके वकील का ई-मेल आईडी, व्हाट्सएप या मोबाइल नंबर होगा।