scriptयूपी में तीन साल बाद हो रही हाथियों की गणना, अजीब तरीके से होती है हाथी की गिनती, तरीका जान चौंक जाएंगे | Lucknow UP elephant Census Start Count Four Ways | Patrika News
लखनऊ

यूपी में तीन साल बाद हो रही हाथियों की गणना, अजीब तरीके से होती है हाथी की गिनती, तरीका जान चौंक जाएंगे

-4 तरीके से हो रही गिनती, 8 जून तक चलेगी

लखनऊJun 06, 2020 / 06:13 pm

Mahendra Pratap

यूपी में तीन साल बाद हो रही हाथियों की गणना, अजीब तरीके से होती है हाथी की गिनती, तरीका जान चौंक जाएंगे

यूपी में तीन साल बाद हो रही हाथियों की गणना, अजीब तरीके से होती है हाथी की गिनती, तरीका जान चौंक जाएंगे

लखनऊ. यूपी में हाथियों की आबादी की गणना की जा रही है। भारत में मनुष्यों की गणना (जनगणना) दस साल में होती है, जबकि, हाथियों की गिनती हर पांच साल में होती है। इनकी गणना के लिए चार तरीकों को आजमाया जाता है। केंद्र के स्तर पर गणना 2017 में हुई थी। जिसमें पूरे देश में हाथियों की कुल संख्या 27,312 दर्ज की गई थी। उत्तर प्रदेश में हाथियों की गिनती छह जून से शुरू हो गई है और यह आठ जून तक चलेगी।
यूपी में हाथियों की गणना परंपरागत तरीके से आधार प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देने वाले गजराजों के आधार पर होगी। हालांकि, बीट अधिकारी जीपीएस लोकेशन, पगमार्क आदि की जरूरी जानकारी प्रपत्र में भरेंगे। गणना के उपरांत रिपोर्ट को प्रमुख वन संरक्षक लखनऊ को भेजा जाएगा। प्रदेश के एक टाइगर रिजर्व सहित सात वन प्रभागों में एक साथ गणना होनी है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव सुनील पांडेय की ओर से जारी आदेश में दुधवा टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट बहराइच, दक्षिण खरीरी वन प्रभाग लखीमपुर खीरी, सामाजिक वानिकी वन प्रभाग बिजनौर, बिजनौर वन प्रभाग नजीबाबाद और प्रभागीय वनाधिकारी शिवालिक वन प्रभाग सहारनपुर के अंतर्गत एक साथ गणना होगी। वन संरक्षक सहारनपुर परिक्षेत्र के वीके जैन ने बताया कि बादशाहीबाग रेंज, मोहंड रेंज और शाकंभरी रेंज में गणना होगी। गणना भारत सरकार के निर्देशानुसार की जाएगी। वर्ष 2017 में शिवालिक वन प्रभाग में 15 हाथी चिंहित किए गए थे।
गणना के चार तरीके :-

पहली विधि :- डिजिटल मैप

दूसरी विधि :- पग चिन्ह, फोटो आदि के आधार पर वयस्क, किशोर, आयु आदि का निर्धारण। हाथियों की उम्र का अंदाज़ा उनकी ऊंचाई से लगाया जाता है। अमूमन वयस्क नर हाथी की ऊंचाई आठ फ़ीट तक और मादा हाथी की ऊंचाई सात फ़ीट होती है।
तीसरी विधि :- हाथी के लीद से भी होती है पहचान, एक हाथी एक दिन में 15-16 बार करता है लीद करता।

चौथा तरीका :- दो या तीन लोगों की टीमें पानी के स्रोतों के पास सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक तैनात किया जाता है। यहां भी हाथियों के उम्र का रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। हाथियों की मूवमेंट को भी यहां दर्ज किया जाता है।

Hindi News / Lucknow / यूपी में तीन साल बाद हो रही हाथियों की गणना, अजीब तरीके से होती है हाथी की गिनती, तरीका जान चौंक जाएंगे

ट्रेंडिंग वीडियो