कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के अनुसार, ब्लाक में सीएससी के अयुर संजीवनी केंद्र चल रहे हैं। दवा देने वाली एटीएम इन्हीं केंद्रों पर लगाई जाएंगी। इन केंद्रों पर गर्भधारण, कोरोना टेस्ट के साथ कई अन्य मेडिकल उपकरण भी रखे जाएंगे। ग्रामीणों को इससे रोजगार भी उपलब्ध होगा। संचालन के लिए सीएससी इच्छुकों को ट्रेनिंग देगी। सीएससी गांवों में ऑक्सीजन सिलेंडर या कंसंट्रेटर भी मुहैया कराएगा। जहां कुछ राशि जमा करा कर इनका इमरजेंसी में इस्तेमाल किया जा सकेगा।
तत्काल दवा मिलेगी :- सीएससी एसपीवी एमडी दिनेश त्यागी ने कहा कि, ग्रामीण पहले से वर्चुअल तरीके से डॉक्टर्स से परामर्श लेने का काम कर रहे हैं। मेडिसन की पर्ची अब वर्चुअल तरीके से जेनरेट होती है। एटीएम की सुविधा होने के बाद उन्हें तत्काल दवा मिल जाएगी। एटीएम मशीन में डॉक्टर की पर्ची को डाला जाएगा और उसके हिसाब से मशीन से दवा बाहर आएगी। मशीन में ई-कामर्स कंपनियां दवा की सप्लाई करेंगी। दवा वाली एटीएम मशीन में अधिकतर जेनरिक दवा रखी जाएंगी। इसके अलावा केंद्र पर विभिन्न प्रकार के जांच उपकरण की भी सुविधा होगी।
यूपी में हेल्थ एटीएम लगाने की योजना :- वैसे जुलाई 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ऐलान किया था कि, उत्तर प्रदेश में हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र हेल्थ एटीएम की सुविधा से लैस किया जाएगा। जहां लोग इन मशीनों के जरिये खुद अपने स्वास्थ्य की जांच कर सकेंगे। ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, टेंप्रेचर और आक्सीजन के साथ शरीर से जुड़ी तमाम चीजों की जांच मुफ्त में हो सकेगी।
हेल्थ एटीएम का काम :- हेल्थ एटीएम से बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा, वजन सहित कुल 59 पैरामीटर की जांच कर सकते हैं। तत्काल बॉडी स्क्रीनिंग के लिए 16 पैरामीटर की जांच हो सकेगी। लाइफ स्टाइल से जुड़ी जांच जैसे ग्लूकोज, हीमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल आदि की भी जांच की जा सकेगी। कई तरह के रैपिड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, गर्भावस्था, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, एचआईवी के साथ ही 12 लीड ईसीजी, डिजिटल स्टेथोस्कोप, डर्मास्कोप, ओटोस्कोप जैसे टेस्ट भी किए जाएंगे।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्पलाइन :- इसके अतिरिक्त यूपी में वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया गया है। विशेष परिस्थितियों में उन्हें एंबुलेंस चाहिए या दवा की जरूरत, सब कुछ मुहैया कराने की योजना है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 8-10 माह में इसे मूर्त रुप देने की तैयारी कर रही है।