शासन को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर तो 8155 थीसिस के साथ देश में पांचवें स्थान पर है। लेकिन, प्रदेश के सबसे पुराने राज्य विश्वविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से अभी तक सिर्फ तकरीबन 900 थीसिस ही अपलोड की गई हैं। शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए शोध गंगा पोर्टल तैयार किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से लेकर विवि अनुदान आयोग तक इसमें सहयोग कर रहा है। इस अध्ययन में लखनऊ विश्व विद्यालय को लेकर यहां के शिक्षकों ने खास चिंता तक नहीं जताई।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालय को इस पोर्टल पर अपनी थीसिस अपलोड करने के निर्देश भी दिए हैं। इसे थीसिस में हो रही नकल पर लगाम लगाने में अहम माना जा रहा है। साथ ही, एक शोधार्थी के शोध कार्य का काम दुनिया के दूसरे कोने में बैठे अन्य शोधार्थी उठा सकते हैं। इस शोध कार्य से छात्रों के ज्ञान में वृद्धि होगी।
यूपी के 17 राज्य विश्वविद्यालय हैं। इसमें, 8155 थीसिस के साथ वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर सबसे आगे है। 4093 थीसिस के साथ दूसरे नम्बर पर डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि अयोध्या छाया हुआ है। यहां पिछले छह महीने में काफी तेजी से काम हुआ है। चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से 2122 थीसिस अपलोड की गई।
थीसिस अपलोड करने में पीछे
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर 8155
डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय 4093
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ 2122
बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय 1815
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर 1277
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर 8155
डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय 4093
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ 2122
बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय 1815
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर 1277