क्या होगा ये सिस्टम
इस सिस्टम के तहत सिटी की सभी इंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स, प्रमुख सड़कों, बाजारों पर ट्रैफिक की निगरानी के लिये स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इन सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जो स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम के हेड ऑफिस से मॉनिटर होगा। प्रमुख 70 चौराहों पर 280 सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगे हैं। इस वर्ष और जगह कैमरे लगाने की योजना है। इन कमरों के जरिए अपराध के साथ ट्रैफिक के वॉल्यूम पर भी नजर रखी जा सकेगी। बीते दिनों रोड क्रैश और ट्रैफिक की समस्याओं को लेकर बुद्धिजीवों के बीच मंथन हुआ था। इसमें अधिकारियों के साथ, वरिष्ठ पत्रकार और निजी संस्थानों ने हिस्सा लिया था। उस मंथन में कहा गया था कि सड़क हादसों को रोकने के लिए ज़रूरी है कि ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन हो। स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक रूल्स को तोडना भारी पड़ेगा। ऐसा करने वालों पर आईटी बेस्ड लॉ इंफोर्समेंट सिस्टम खुद- ब- खुद कार्रवाई करेगा। इस सिस्टम के तहत सभी सिग्नल वाले चौराहों पर आरएलवीडी कैमरा इंस्टॉल किये जाएंगे। यह कैमरा ट्रैफिक रूल्स वॉयलेट करने वाली गाडि़यों के नंबर रीड कर उनका ई- चालान काटेगा।
इस सिस्टम के तहत सिटी की सभी इंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स, प्रमुख सड़कों, बाजारों पर ट्रैफिक की निगरानी के लिये स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम स्थापित किया जाएगा। इन सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जो स्मार्ट सिटी सर्विलांस सिस्टम के हेड ऑफिस से मॉनिटर होगा। प्रमुख 70 चौराहों पर 280 सीसीटीवी कैमरे पहले से ही लगे हैं। इस वर्ष और जगह कैमरे लगाने की योजना है। इन कमरों के जरिए अपराध के साथ ट्रैफिक के वॉल्यूम पर भी नजर रखी जा सकेगी। बीते दिनों रोड क्रैश और ट्रैफिक की समस्याओं को लेकर बुद्धिजीवों के बीच मंथन हुआ था। इसमें अधिकारियों के साथ, वरिष्ठ पत्रकार और निजी संस्थानों ने हिस्सा लिया था। उस मंथन में कहा गया था कि सड़क हादसों को रोकने के लिए ज़रूरी है कि ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन हो। स्मार्ट सिटी में ट्रैफिक रूल्स को तोडना भारी पड़ेगा। ऐसा करने वालों पर आईटी बेस्ड लॉ इंफोर्समेंट सिस्टम खुद- ब- खुद कार्रवाई करेगा। इस सिस्टम के तहत सभी सिग्नल वाले चौराहों पर आरएलवीडी कैमरा इंस्टॉल किये जाएंगे। यह कैमरा ट्रैफिक रूल्स वॉयलेट करने वाली गाडि़यों के नंबर रीड कर उनका ई- चालान काटेगा।
बताते चलें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 12 अप्रैल 2015 को इस सिस्टम के कंट्रोल रूम की शुरुआत की थी। लेकिन कंपनी को सरकार की ओर से भुगतान न होने के चलते लगाए गए कैमरे शो पीस बने हुए। स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत एक बार इस योजना को संजीवनी मिली है।