हाल ही में एलडीए के अपर सचिव, सीनियर इंजीनियर और स्थानीय जेई ने इन मकानों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद पाया गया कि ये मकान फ्लाइट्स की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं, जिसके चलते इन्हें ढहाने का निर्णय लिया गया। इस इलाके में जमीन बेचने वाले राधेश्याम ओझा नामक प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि उन्होंने 40 से 70 लाख रुपये खर्च कर ये मकान बनाए हैं और अब उन्हें खाली करने का नोटिस थमाया जा रहा है।
मकान खाली करने के नोटिस के बाद से स्थानीय लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। पिछले गुरुवार को लोगों ने बिल्डर के खिलाफ प्रदर्शन किया और उसकी गाड़ियों को घेर लिया। महिलाओं ने साफ कह दिया कि वे मर जाएंगी, लेकिन मकान नहीं छोड़ेंगी। कुछ लोगों ने इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की अपील करने का भी ऐलान किया है।
प्रवर्तन जोन-2 के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी ने बताया कि इस इलाके में बिना नक्शा पास कराए अवैध कॉलोनी बसाई जा रही थी, जिसके चलते कोर्ट के आदेश पर इन मकानों को सील करने की कार्रवाई की गई। वहीं, एलडीए के वीसी प्रथमेश कुमार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। रिपोर्ट के अनुसार, यहां बने मकान हवाई अड्डे के फ्लाइट टेक-ऑफ और लैंडिंग मैनुअल के मानकों को पूरा नहीं करते। इस संबंध में एयरपोर्ट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर अभिषेक प्रकाश ने 29 जुलाई को एलडीए को पत्र लिखा था, जिसके बाद तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।