खुशखबर, विश्वविद्यालय या कालेज से पुरानी डिग्रियां लेने के लिए अब नहीं देना पड़ेगा शुल्क शेषनाग मालगाड़ी ट्रेन क्या है? :- लखनऊ-मुरादाबाद-अंबाला रूट (Lucknow Moradabad Ambala Route) पर मालगाड़ियों का जबरदस्त लोड है। इसे कम करने के लिए रेलवे बोर्ड ने मिशन शेषनाग की शुरुआत की है। बुधवार को लखनऊ-मुरादाबाद-अंबाला तक शेषनाग मालगाड़ी ट्रेन का ट्रायल लिया गया, जो बेहद सफल रहा। शेषनाग को लखनऊ के चारबाग यार्ड से सुबह 9:32 बजे रवाना किया गया था। दो किमी. लंबी मालगाड़ी के लिए बीच में किसी भी स्टेशन पर लूप लाइन नहीं है। ऐसे में शेषनाग के संचालन से पहले इसका टाइम टेबल भी तय किया गया।
लंबाई लगभग 2 किमी :- उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक जगतोष शुक्ला ने बताया, इस मालगाड़ी में 126 माल डिब्बे, 3 विद्युत इंजन, लगे हुए हैं। इसकी लंबाई लगभग 2 किलोमीटर के बीच है।
अंबाला मंडल में होगी खाद्यान की लोडिंग :- सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह ने बताया कि समय, संसाधन और ट्रैफिक की बचत के उद्देश्य से रेलवे ने इस मालगाड़ी को चलाया है। आलमबाग से सहारनपुर तक मालगाड़ी खाली चलाई गई। इसके बाद इसे अंबाला मंडल को सौंप दिया गया। वहां से इसमें खाद्यान की लोडिंग होनी है।
बाइक पर बैठाकर गार्ड केबिन तक पहुंचाया गया :- मालगाड़ी में मुरादाबाद से गार्ड की तैनाती की गई। जानकर आश्चर्य होगा कि गार्ड को बाइक पर बैठाकर गार्ड केबिन तक ले जाना पड़ा। मालगाड़ी का गार्ड केबिन स्टेशन से दो किमी दूर हनुमान मूर्ति के पास था। इस प्रक्रिया में 20 मिनट लग गए। इसके बाद ट्रेन यहां से सहारनपुर के लिए रवाना हुई।
शेषनाग मालगाड़ी ट्रेन की खासियतें :- दो किलोमीटर लंबी मालगाड़ी।
लखनऊ मुरादाबाद अंबाला तक सफर।
126 मालगाड़ी डिब्बे।
तीन गार्ड की बोगी।
तीन विद्युत इंजन
कुल लंबाई दो किलोमीटर।
ट्रेन की रफ्तार औसत 70 किलोमीटर प्रतिघंटा।
मुरादाबाद स्टेशन पर चालक व गार्ड का बदलाव।
मालगाड़ी का वजन तकरीबन 20 हजार टन।
लखनऊ मुरादाबाद अंबाला तक सफर।
126 मालगाड़ी डिब्बे।
तीन गार्ड की बोगी।
तीन विद्युत इंजन
कुल लंबाई दो किलोमीटर।
ट्रेन की रफ्तार औसत 70 किलोमीटर प्रतिघंटा।
मुरादाबाद स्टेशन पर चालक व गार्ड का बदलाव।
मालगाड़ी का वजन तकरीबन 20 हजार टन।
अहम जिम्मेदारी निभाई :- डीआरएम सुरेश कुमार सपरा मिशन शेषनाग की खुद मॉनीटरिंग कर रहे थे। शेषनाग को वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक केके रोरा व स्टेशन निदेशक सुदीप सिंह के साथ उनकी ऑपरेटिंग की टीम ने तैयार किया। एडीआरएम ऑपरेशन अश्वनी श्रीवास्तव ने लखनऊ से मुरादाबाद होकर अंबाला तक बिना किसी बाधा के शेषनाग को दौड़ाने की अहम जिम्मेदारी निभाई।