सिविल सेवा परीक्षा 2020 रिजल्ट : यूपी के करीब 10 एसडीएम बने आईएएस, कई पीसीएस भी सफल पावर कारपोरेशन प्रबंधन का सख्त आदेश :- पावर कारपोरेशन के एक आदेश के अनुसार ऊर्जा निगमों के क्लर्क से लेकर इंजीनियर तक को वर्ष 2020 की अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा 31 जनवरी 2021 तक दे देना चाहिए था। पर ढेर सारे इंजीनियर, क्लर्क इस आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। काफी इंतजार के बाद जब पावर कारपोरेशन ने देख कि अगस्त माह में बहुत सारे कर्मचारियों ने अपना ब्योरा साइट पर लोड नहीं किया तो पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने यह सख्त आदेश पारित किया है।
31 अगस्त तक मिला था समय :- पावर कारपोरेशन निदेशक (कार्मिक प्रबंधन) एके पुरवार ने सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों से 31 अगस्त तक 35 हजार से अधिक सभी बिजली कार्मिकों की संपत्ति का ब्योरा पावर कारपोरेशन के संबंधित पोर्टल (ईआरपी के ईएसएस पोर्टल) पर अपलोड कराने के लिए कहा था।
ब्योरा अपलोड करने वाले कर्मचारियों को ही मिलेगी तरक्की :- ज्यादातर कार्मिकों की जानबूझ कर की जा रही लापरवाही पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने गंभीरता से लेते हुए अब ऐसे सभी बिजली कार्मिकों का मासिक वेतन रोकने का फैसला किया है। निदेशक कार्मिक एके पुरवार ने सभी कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को एक और पत्र लिखकर कहाकि, 30 सितंबर तक जो कर्मचारी अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा पोर्टल पर अपलोड कर देंगे, उन्हें ही अगले महीने वेतन देने पर विचार किया जाएगा। यह भी स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देने पर ही संबंधित कार्मिक को प्रोन्नति करने पर विचार किया जाएगा।
ब्योरा शीघ्र दें :- एम. देवराज पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने भी कहाकि, सभी बिजली कार्मिकों को समय से अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दे ही देना चाहिए।