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नाव के लिए लंबा इंतजार
तीन नाव चलाए जाने के बाद भी लोगों को नाव के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी राकेश ने बताया कि पीपा पुल टूटने से फैजुल्लागंज, पैला दाउदनगर, इमामबाग डुगरिया, अल्लू नगर, गाजीपुर समेत 20 गांव के लोग परेशान हैं। स्थानीय प्रशासन ने शिकायत के बाद भी अभी कोई कदम नहीं उठाया है। यह भी पढ़ें
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शिक्षा पर असर
पीपा पुल टूटने के बाद प्रभावित गांवों के लोगों ने बताया कि पढ़ाई के लिए इस पार से यूनिटी कॉलेज, फहरीन पब्लिक स्कूल और राजकीय इंटर कॉलेज में 500 से अधिक बच्चे जाते थे, लेकिन पुल टूटने से उन बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है, जिससे अभिभावक परेशान हैं।स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
पुल टूटने के बाद दवा के लिए लोग ज्यादा परेशान हैं। चौक की तरफ मेडिकल कॉलेज और बलरामपुर अस्पताल होने की वजह से बड़ी आबादी चौक की तरफ आती है। लेकिन पुल टूटने के बाद लोगों को दवा के लिए समस्या हो रही है। जो लोग घर से निकल रहे हैं, उन्हें नाव के इंतजार में काफी समय लग रहा है। यह भी पढ़ें
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किसानों की समस्याएं
कई किसानों की खेती नदी के उस पार है। अब पीपा पुल टूट जाने के कारण वे उस पार नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनके खेतों में फसलों का नुकसान हो रहा है। किसानों ने कहा कि बारिश के बाद धान के खेत में पानी भर जाता है। पानी उतारने के लिए उन्हें हर रोज खेत जाना पड़ता है, लेकिन अब वे खेत नहीं पहुंच पा रहे हैं। यह भी पढ़ें
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लंबा रास्ता और खर्च
पीपा पुल टूट जाने के बाद किसी भी इमरजेंसी में शहर आने के लिए लोगों को 15 किमी का रास्ता तय करना पड़ रहा है। अब गांवों के लोग फैजुल्लागंज से होकर पक्का पुल के रास्ते शहर में दाखिल हो रहे हैं। इसके बदले में उन्हें किराए की गाड़ियों के लिए 1 हजार रुपए तक देना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें
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नाव पर निर्भरता
पुल टूटने के बाद इलाके की बड़ी आबादी नाव के सहारे ही रह गई है। पशुओं के लिए चारा काटने से लेकर बाजार में खरीदारी और रोजमर्रा के काम के लिए लोग नाव पर निर्भर हैं। यह भी पढ़ें
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. पुल टूटने से गांवों में मुश्किलें. नाव के लिए लंबा इंतजार
. शिक्षा पर असर
. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
. किसानों की समस्याएं
. लंबा रास्ता और खर्च
. नाव पर निर्भरता
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