मीटर रीडर्स का ई-वॉलेट बनेगा :- कंपनी अपने मीटर रीडर्स का ई-वॉलेट बनाएगी। रीडर जितने रुपए का बिल जमा करके रसीद जारी करेगा वह उसके वॉलेट से कट जाएगा। रीडर के वॉलेट को रिचार्ज कराने का काम कंपनी को ही करना पड़ेगा। मध्यांचल निगम, कंपनी को एक बिल बनाने एवं जमा करने के एवज में 20.50 रुपए का भुगतान करेगा।
स्मार्ट मीटर उपभोक्ता भी ले सकेंगे सुविधा :- इस व्यवस्था का फायदा यह है कि, राजधानी करीब 10 लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। करीब 3 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगे हैं। बाकी के 7 लाख उपभोक्ताओं की रीडिंग के लिए बिल बनाया जाता है। इस सुविधा के शुरू होने पर उपभोक्ताओं को न बिल बनवाने की टेंशन, न जमा करने के लिए कतार की झंझट। स्मार्ट मीटर उपभोक्ता भी इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकेंगे।
एक्सट्रा सर्विस चार्ज नहीं :- उपभोक्ता सर्विस चार्ज का भुगतान करता है। इसी सर्विस चार्ज से कंपनी को एक बिल बनाने व जमा करने के एवज में 20.50 रुपए का भुगतान किया जाएगा। लेसा को मिलेगा फायदा :- इस सुविधा के लागू होने से बिजली कम्पनी को यह फायदा होगा कि मीटर में रीडिंग स्टोर करने के खेल पर अंकुश लग सकेगा। बिल समय पर जमा होंगे, लेसा की आर्थिक सेहत सुधरेगी। लेसा ने राजधानी में वर्ष 2011 में उपभोक्ता की चौखट पर बिल जमा करने की शुरुआत की थी।
उपभोक्ताओं के लिए राहत :- मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लखनऊ प्रबंध निदेशक सूर्यपाल गंगवार का कहना कि, कई उपभोक्ता बिल पाने के बाद भी किन्हीं कारणों से भुगतान नहीं कर पाते। ऐसे उपभोक्ताओं को इस सुविधा से काफी सहूलियत मिलेगी। इससे राजस्व वसूली भी बढ़ेगी।