लखनऊ. Monsoon Update मानसून ने 13 जून को यूपी में दस्तक दी है। दो तीन दिन यूपी के कई इलाके में भारी बारिश हुई। आकाशीय बिजली ने लोगों को खूब डराया। पूर्वी यूपी व तराई के कुछ जिलों को छोड़कर अचानक बादलों का मूड बदल गया, बारिश बंद हो गई। पर अब मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले 24 घंटों में फिर से मानसून सक्रिय होने की संभावना है। लखनऊ स्थित मौसम केंद्र का कहना है कि, पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिससे अगले 24 से 48 घंटों में सूबे के कई जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। मध्य तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश भी बारिश से अछूता नहीं रहेगा। पर तराई व पहाड़ों पर 4 दिनों से हो रही बारिश से राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। तटीय इलाकों की निगरानी के लिये टीमें तैनात की गई है।
मौसम विभाग का आने वाले चार दिन तेज बारिश और आकाशीय बिजली का अलर्ट इन जिलों में भारी वर्षा की संभावना :- फिलहाल उत्तर प्रदेश बादलों की आगोश में है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून में अच्छी बारिश का ऐलान कर रखा है। लखनऊ स्थित मौसम केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में अगले 24 से 48 घंटों में राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है। अगले 24 घंटों में प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थ नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी सोनभद्र, मिर्जापुर, वाराणसी, संत रविदास नगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या तथा अंबेडकर नगर और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है।
महराजगंज में सबसे ज्यादा वर्षा रिकॉर्ड :- पिछले 24 घंटों में राज्य में त्रिमोहानी घाट (महराजगंज) में सबसे ज्यादा नौ सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। फतेहगढ़ राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
राप्ती का जलस्तर (Rapti river danger mark) खतरे के निशान के करीब :- बलरामपुर के तराई व पहाड़ों पर बीते 4 दिनों से हो रही बारिश से राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। राप्ती नदी का चेतावनी बिंदु 103.62 मीटर है जिसकी तुलना में वर्तमान जलस्तर 104.37 मीटर पहुंच चुका है। बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। तटीय इलाकों की निगरानी के लिये टीमें तैनात की गई है। जिलाधिकारी श्रुति ने बताया कि 18 बाढ़ राहत केंद्र, 32 बाढ़ नियंत्रण चौकी बनाई गयी है। बाढ़ के मद्देनजर जिले में एसडीआरएफ की एक टीम, फ्लड टीम तैनात रहेगी। तहसील स्तर पर बड़ी नावें उपलब्ध करा दी गई हैं, इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत स्तर पर भी नाव उपलब्ध है।।
सोनभद्र में नेशनल हाईवे पर बना अस्थाई पुल बहा :- सोनभद्र जिले के दुद्धी तहसील क्षेत्र में नेशनल हाईवे (एनएच 75ई) पर बीडर गांव के पास लौवा नदी का अस्थाई पुल गुरुवार रात में अत्यधिक बारिश की वजह से बह गया। इससे दुद्धी से होकर उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड व पश्चिम बंगाल सहित कई और राज्यों को जोड़ने वाला मार्ग अवरुद्ध हो गया। प्रशासन ने सभी वाहनों को मुर्धवा-रनटोला-आश्रम मोड़ से होकर गुजारने का निर्णय लिया है। बीते तीन दिन से यहां रुक रुककर बारिश हो रही हैं।
दो दिन तक बाढ़ में फंसी रही बारात बारिश की वजह से कुछ अजीबोगरीब मामले भी देखने को मिलते हैं। श्रावस्ती में एक दूल्हा जैसे ही शादी के लिए ससुराल पहुंचा तो मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बारात, बारिश रुकने का इंतजार कर रही थी पर बारिश थी कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी। पूरी बारात दो दिन तक गांव में ही फंसी रही। जब किसी तरह बारात वापस लौटने लगी तो नाले में पानी भरने लगा, फिर क्या था पूरी बारात फिर से फंस गई। इसके बाद दूल्हे और बारातियों को तैरकर वापस गांव लौटना पड़ा। श्रावस्ती जिले में पांच दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश राप्ती नदी लबालब हो गई है। राप्ती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इस कारण कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। जिले के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मदद के लिए दूसरे जिले से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है।