लखनऊ. PM’s Mega Cabinet Expansion Coming Soon आजकल सभी राजनीतिक दलों की निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट विस्तार पर है। यूपी विधानसभा चुनाव वर्ष 2022 में होगा। चुनावी बिसात बिछ गई है। सभी दल अपनी चालें चल रहे हैं। ऐसी उम्मीद है कि भाजपा भी चुनाव 2022 को देखते हुए जातीय व क्षेत्रीय फार्मूले का प्रयोग कर यूपी से केंद्रीय मंत्री चुनेगी। यूपी बड़ा है तो संभव है कि यहां का कोटा भी बड़ा होगा। अत: केंद्रीय कैबिनेट में स्थान पाने वाले उम्मीदवारों की लम्बी लाइन है। जिसमें रीता बहुगुणा जोशी, वरुण गांधी, अनुप्रिया पटेल, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, जफर इस्लाम के नाम पर चर्चा हो रही है।
यूपी की जनता भारतीय झूठ पार्टी को सिखाएगी सबक : ओमप्रकाश राजभर रीता बहुगुणा को मिल सकता है मौका :- वैसे केंद्रीय कैबिनेट में 81 सदस्य रह सकते हैं जबकि इस वक्त 53 मंत्री है 28 नये चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। यूपी चुनाव 2022 को लेकर भाजपा हद से ज्यादा गंभीर है और बेहद गंभीरता से तैयारियां कर रही है। सबसे अधिक चर्चा में प्रयागराज सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी हैं। जिनके बारे में कहा जा रहा है कि, यूपी के नाराज ब्राह्मणों को खुश करने के लिए डॉ. रीता बहुगुणा जोशी के बारे में मंथन हो रहा है। अमित शाह के बुलावे पर प्रयागराज सांसद अभी दिल्ली गईं थी। इस आधार पर माना जा रहा है कि रीता बहुगुणा जोशी को केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिल सकता है।
रीता की मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि :- इसके अलावा रीता बहुगुणा जोशी की राजनीतिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत है। प्रयागराज सांसद होने के साथ-साथ मेयर, विधायक और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं। इसके अतिरिक्त ब्राह्मण समाज में उनका बड़ा मान है।
कुर्मी समाज से आती हैं अनुप्रिया पटेल :- अब अगर अनुप्रिया पटेल की बात करें तो उनका दावा भी काफी मजबूत है। मिर्जापुर से सांसद हैं। कुर्मी समाज से आती हैं। यूपी में कुर्मियों को संख्या लगभग 5 फीसदी है। 17 ऐसे जिले हैं, जहां कुर्मी मतदाताओं की संख्या 15 फीसदी से अधिक है। भाजपा की जीत हार में बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं। मोदी सरकार 1.0 में मंत्री रह चुकी हैं। यूपी से अनुप्रिया पटेल संभावना काफी प्रबल है।
वरुण गांधी भी दावेदार :- यूपी से एक नाम और चर्चा में है। मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी का नाम। एक जमाने में हिंदू फायरब्रांड नेता का तमगा उनके पास था। पर अब कुछ शांत हो गए हैं। साल 2014 में सुल्तानपुर और साल 2019 में पीलीभीत से सांसद बने। इसके अलावा भी कई नाम है जैसे जितिन प्रसाद, रामशंकर कठेरिया, अनिल जैन, जफर इस्लाम, रवि किशन हैं जो अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।