जयंती पर कोटि-कोटि नमन : योगी इस अवसर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी प्रदेशवासियों को बधाईयां दीं। इस अवसर पर यीएम योगी ने कहाकि, सत्य, अहिंसा और अपरिग्रह की प्रतिमूर्ति, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर जी को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उनकी शिक्षाएं एवं विचार, सभ्य, समतामूलक तथा मानवतावादी समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करती हैं। महावीर जयंती की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
अंतिम आध्यात्मिक गुरु :- जैन धर्म के लोग भगवान महावीर के जन्म के अवसर पर महावीर जयंती का पर्व मनाते हैं। जैन धर्म लोग इस दिन को बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं। भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम आध्यात्मिक गुरु थे।
राज्यपाल ने महावीर जयन्ती पर दी बधाई वैशाली में हुआ था जन्म :- महावीर स्वामी का जन्म बिहार के वैशाली कुंड ग्राम में राजा सिद्धार्थ राज प्रसाद में हुआ था। आप की मां का नाम रानी त्रिशला था। भगवान महावीर को बचपन में वर्धमान नाम से जाना जाता था। महावीर स्वामी ने 30 साल की उम्र में ही घर.बार छोड़ दिया था और दीक्षा लेने के बाद 12 साल तपस्या की।
जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत :- अहिंसा को सबसे उच्चतम नैतिक गुण बताने वाले जैन धर्म के 24वें तीर्थकर भगवान महावीर स्वामी ने जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत बताए। जैन धर्म के पंचशील सिद्धांत में शामिल हैं, अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, अचौर्य अस्तेय और ब्रह्मचर्य।
अहिंसा :- भगवान महावीर ने लोगों को अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख दी। भगवान महावीर अहिंसा के प्रबल समर्थक रहे हैं। मानव को मानव के प्रति प्रेम और मित्रता से रहने का संदेश दिया है। उन्होंने मिट्टी, पानी, अग्नि, वायु, वनस्पति से लेकर कीड़े-मकौड़े, पशु.पक्षी आदि के प्रति भी मित्रता और अहिंसक विचार के साथ रहने का उपदेश दिया है।
सत्य :- सदा सत्य बोलने और सत्य के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया। अस्तेय :- भगवान महावीर ने कहाकि, हमें हमेशा ईमानदार रहना चाहिए, कभी भी चोरी नहीं करनी चाहिए। ब्रह्मचर्य :- कामुक सुखों में लिप्त नहीं हो हमेशा सदाचारी रहो।
अपरिग्रहः- भगवान महावीर ने लोगों को गैर.भौतिक चीजों से नहीं जुड़ने का उपदेश दिया।