लंबा खिंचा लॉकडाउन तो बर्बादी तय :- इस साल आम की फसल अच्छी है। हालांकि, पर्याप्त रखरखाव और कीटनाशकों आदि का इस्तेेमाल न होने से आम की ग्रोथ प्रभावित हुई है। आम छोटे हैं। फसल के पूरी तरह तैयार होने में अभी करीब एक महीना बाकी है। इस साल यूपी में 30-35 लाख मीट्रिक टन आम उत्पादन होने की उम्मीद है। लेकिन समय रहते लॉकडाउन न हटा तो आम बागों में ही सड़ जाएगा। निर्यात न होने और दूसरे राज्यों में परिवहन न होने से स्थानीय बाजार में ही आम बेचने की मजबूरी होगी। इससे आम उत्पादक बर्बाद हो जाएंगे।
23 फीसद आम का प्रोडक्शन यूपी में :- यूपी में लखनऊ के मलीहाबाद, बाराबंकी, प्रतापगढ़, उन्नाव के हसनगंज, हरदोई के शाहाबाद, सहारनपुर, मेरठ तथा बुलंदशहर समेत करीब 15 मैंगो बेल्ट हैं। पश्चिमी यूपी के आम प्रोडक्शन को जोड़ ले तो पूरे देश का करीब 23 प्रतिशत आम उत्पादन उत्तर प्रदेश में ही होता है।
दशहरी का इन देशों में निर्यात :- लखनवी, सफेदा, दशहरी और चौसा समेत आम अन्य किस्मों का लखनऊ से अमरीका, सऊदी अरब, कुवैत, कतर, बहरीन, सिंगापुर, ब्रिटेन, बांग्लादेश, नेपाल तथा पश्चिम एशिया के तमाम देशों में निर्यात होता है। पिछले साल 40 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा आम निर्यात हुआ था।
निर्यात प्रभावित होगा :- लॉकडाउन की वजह से आम की बाग की सिंचाई नहीं हो पा रही। रसायनों का छिडक़ाव भी नहीं हुआ। बंदी के कारण आम की पेेटियां भी तैयार नहीं हो पायी हैं। ऐसे में आम का निर्यात प्रभावित होगा। यातायात बंद होने से बाहर आम नहीं भेजा जा सकेगा।
-इंसराम अली, अध्यक्ष, मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन आफ इंडिया
-इंसराम अली, अध्यक्ष, मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन आफ इंडिया
…तो बर्बाद हो जाएंगे किसान:- इस साल आम की फसल मंडियों तक पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में आम बागों में ही सड़ जाएगा। सरकार को आम के लिए भी सब्सिडी देनी चाहिए। और बिक्री की नीति बनानी चाहिए। अन्यथा किसान बर्बाद हो जाएंगे।
-पदश्री कलीम उल्ला, मशहूर आम बागवान, मलीहाबाद
-पदश्री कलीम उल्ला, मशहूर आम बागवान, मलीहाबाद