मौसम विभाग का बसंत पंचमी पर यूपी के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट सुबह छह बजे का समय वाहन चालकों के लिए भारी :- पेट्रोल-डीजल उपभोक्ताओं के लिए रोजाना सुबह छह बजे का समय भारी रहता है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना सुबह 6 बजे बदलाव होता है। सुबह 6 बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। आज कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड 63.57 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है।
पेट्रोल की कीमतों में 18 दिन में 2.48 रुपए की वृद्धि :- लखनऊ में फरवरी माह की 15 तारीख को पेट्रोल की अधिकतम कीमत ₹87.63 थी और 03 फरवरी को न्यूनतम कीमत ₹ 85.58 दर्ज की गई थी। फरवरी माह की पहली तारीख को पेट्रोल की कीमतें ₹ 85.58 थी। इस आंकड़े से साफ है कि 18 दिन में पेट्रोल की कीमतों में 2.48 रुपए की वृद्धि हुई है। जिस रेट में पेट्रोल बिक रहा है उसमें सभी राज्य टैक्स भी शामिल हैं।
विरोध प्रदर्शन शुरू :- मंगलवार को यूपी के लखनऊ व अयोध्या सहित कई जिलों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रदर्शन हुए हैं। बाराबंकी में कांग्रेसियों ने छाया चौराहे पर प्रदर्शन किया। कांग्रेसी मार्च निकालने की तैयारी में थे कि मौके पर पहुंची पुलिस ने इन्हें रोक लिया और आगे नहीं जाने दिया। अयोध्या में डीजल पेट्रोल के दामों में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाल प्रदर्शन किया। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा।
गौर करें :- वर्ष 2009 से लेकर मई 2014 तक क्रूड की कीमत 70 से लेकर 110 डॉलर प्रति बैरल थी। पर पेट्रोल 55 से 80 रुपए के बीच बिक रहा था। कोरोना लॉकडाउन से पहले जनवरी 2020 मक्रूड ऑयल की कीमत लगभग 29 रुपए प्रति लीटर थी। 5 मई, 2020 को क्रूड ऑयल की कीमतें 28.84 रुपए प्रति लीटर से 14.75 रुपए पर आ गई थी। पर सरकार ने कीमतों में कोई कमी नहीं की। नए टैक्स लगाकर अपनी झोली भर रहे हैं।
कैसे बढ़ता है पेट्रोल-डीजल का दाम :- पेट्रोल-डीजल की कीमतें इतनी क्यों हैं। इस के आंकड़ों को अगर समझे तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें कुछ इस आधार पर निर्धारित होती हैं। आज के अनुसार, क्रूड ऑयल को रिफाइनरियां 29.34 रुपए प्रति लीटर में खरीदती हैं। ओएमसी डीलर से 29.71 रुपए और केंद्र एक्साइज ड्यूटी के रूप में 32.98 रुपए लेता है। डीलर 3.69 रुपए का कमीशन जोड़ते हैं। फिर राज्य का वैट या बिक्री कर 19.92 रुपए जुड़ता है। फिर पेट्रोल पंप पर से ग्राहक पेट्रोल प्रति लीटर 86 रुपए में खरीदता है। मतलब अगर टैक्स कम हो जाएं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कुछ राहत मिलने की संभावना है।