लखनऊ

पूर्वांचल के 17 जिलों में पूर्व नौकरशाह अरविंद शर्मा का सीधा दखल, डीएम से रोज ले रहे प्रगति रिपोर्ट

IAS Arvind Sharma – कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने पर ध्यान- रोजगार के साधन जुटाने की कार्ययोजना पर हो रहा है काम- योगी के लिए यूपी पॉलिटिक्स में अरविंद शर्मा का बढ़ता कद भारी मुसीबत

लखनऊMay 29, 2021 / 05:41 pm

Mahendra Pratap

पूर्वांचल के 17 जिलों में पूर्व नौकरशाह अरविंद शर्मा का सीधा दखल, डीएम से रोज ले रहे प्रगति रिपोर्ट

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. IAS Arvind Sharma पूर्वांचल के 17 जिलों के अफसर इन दिनों कुछ ज्यादा ही सक्रिय हैं। उन्हें सुबह-शाम एक खास मैसेज मिलता है। कोविड नियंत्रण की हर रोज कार्ययोजना बनानी होती है और शाम तक प्रगति रिपोर्ट भेजनी होती है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बनाए गए कंट्रोल रूम से इन 17 जिलों पर नियंत्रण रखा जा रहा है। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के निर्देश पर नहीं, बल्कि एमएलसी अरविंद शर्मा के इशारे पर हो रहा है। कोरोना नियंत्रण पर वाराणसी मॉडल से चर्चा में आए शर्मा अब पूर्वांचल में रोजी-रोजगार की संभावनाओं पर भी काम कर रहे हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फेवरेट अफसर रहे अरविंद शर्मा ने अब अपना ठिकाना बदल दिया है। लखनऊ नहीं बल्कि इन दिनों वे वाराणसी में रह रहे हैं। और आसपास के जिलों में खूब दौरा कर रहे हैं। जनवरी, 2021 में विधान परिषद के सदस्य बनाए गए शर्मा के एकाएक यूपी की राजनीति में प्रवेश ने सबको चौंकाया था। लेकिन, महज छह माह में ही प्रशासनिक मशीनरी में शर्मा का हस्तक्षेप बढ़ जाएगा। किसी को अंदाजा नहीं था।
सब कुछ ठीक कर देने की छवि

अरविंद शर्मा मऊ जिले के रहने वाले हैं। वे लंबे समय तक गुजरात में रहे। यूपी की राजनीति में कोई दखल नहीं था। लेकिन अब भाजपा के कुछ नेता शर्मा को सब कुछ ठीक कर देने वाले नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं। गुजरात कॉडर के आइएएस अफसर रहे अरविंद शर्मा ने एमएलसी के लिए नामांकन भरने से थोड़ा पहले ही वीआरएस ले लिया था। पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से वे शर्मा पर भरोसा करते रहे हैं। मोदी के पीएम बनने के बाद गुजरात से दिल्ली जाने वाले अफसरों में शर्मा का नाम सबसे ऊपर था।
क्या था वाराणसी मॉडल

साल 1988 बैच के गुजरात कैडर के रिटायर आईएएस शर्मा का नाम जनवरी के बाद एकाएक तब चर्चा में आया जब यूपी में कोविड 19 से बेकाबू हो चुके हालात को संभालने के लिए पीएम मोदी ने इन्हें 13 अप्रेल को वाराणसी भेजा। यहां रहकर शर्मा ने ग्रासरूट पर काम किया। अफसरों से तालमेल बिठाकर काम करने से कोविड की स्थिति संभली। फिर तो ‘वाराणसी मॉडल’ की मिसाल दी जाने लगी। वाराणसी मॉडल की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात तक की। इसके बाद से शर्मा का कद और बढ़ गया।
जिलाधिकारियों के सामने दोहरी चुनौती

वाराणसी के साथ-साथ अरविंद शर्मा अब बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ और जौनपुर सहित पूर्वांचल के सभी 17 जिलों को जिलाधिकारियों को निर्देश देते हैं। उन्होंने वाराणसी में स्थापित कोविड कमांड सेंटर की तर्ज सभी को नियंत्रण कक्ष बनाने को कहा है। साथ ही, कामकाज की एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। शर्मा खुद दौरा कर जगह-जगह ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और जरूरी चीजों का इंतजाम भी कर रहे हैं।
पूर्वांचल में संसाधन जुटाने में मदद

शर्मा ने हफ्ते से भी कम समय में वाराणसी के अस्पतालों में बेडों की संख्या, ऑक्सीजन सिलिंडर और वेंटिलेटर की उपलब्धता बढ़ाई। ज्यादा से ज्यादा कोविड जांच केंद्रों की स्थापना करवाई। अब वह मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर और आजमगढ़ जैसे जिलों में भी स्वास्थ्य सुविधा के ढांचे को मजबूत करने में जुटे हैं।
हो सकते हैं कैबिनेट में शामिल

यूपी के प्रशासनिक और राजनीतिक हलके में यह चर्चा बहुत जोरों पर है कि जैसे मोदी ने एस. जयशंकर सहित कुछ पूर्व नौकरशाहों को मंत्रिमंडल में जगह दी है ठीक उसी तरह योगी कैबिनेट में भी पूर्व नौकरशाह अरविंद शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी के साथ शामिल किया जाएगा।

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