राजधानी की प्रमुख गैस एजेंसियों के बाहर आक्सीजन की आस में लोग आधी रात से ही कतार में खड़े हो जाते हैं। तीमारदार संतोष ने बताया कि उनकी बेटी एक निजी अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल का कहना है खुद ऑक्सीजन का इंतजाम करो, नहीं तो अपने मरीज को ले जाओ। वह बताते हैं कि रात दो बजे से बिना कुछ खाये पिये लाइन में खड़े थे, सुबह 10 बजे के करीब पुलिस ने डंडा मारकर भगा दिया। रोते हुए संतोष ने कहा कि अगर बेटी को ऑक्सीजन नहीं मिली तो वह मर जाएगी। नादरगंज इंडस्ट्रियल एरिया की सबसे बड़ी गैस एजेंसी के बाहर खड़े संतोष ही नहीं, तमाम ऐसे तीमारदार थे जिन्हें ऑक्सीजन नहीं मिली। किसी का भाई, किसी का बेटा, किसी की पत्नी और किसी के मां-बाप अस्पताल में भर्ती हैं। कई तीमारदारों ने बताया कि वह 20 हजार रुपए खर्च कर खाली सिलेंडर लेकर आये हैं।
बोकारो से मंगवा रही ऑक्सीजन ऑक्सीजन की बढ़ती किल्लत को देखते हुए योगी सरकार ने ट्रेन और टैंकरों के जरिए बोकारो से ऑक्सीजन मंगवा रही है। इसके अलावा जमशेदपुर व राउरकेला से भी ऑक्सीजन मंगाने की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नये नये आक्सीजन प्लांट लगवाने पर प्रोत्साहन देने का एलान भी किया है। साथ ही कंपनियों से ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाने की अपील की है।