कोरोनावायरस हो जाएगा छूमंतर अगर मानेंगे सरकारी सलाह, होम आइसोलेशन की नई गाइडलाइन जारी इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने कुछ दिन पहले ही मेडिकल कॉलेज में
कोरोना का टीका लगवाया था, फिर भी वे संक्रमित हो गए। पूर्व सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया रवि भूषण सिंघल, जिला न्यायालय के न्यायाधीश आलोक शुक्ला और लखनऊ जिला कोर्ट के एक एडीजे और तीन न्यायिक कर्मचारियों भी कोरोना पॉजिटिव हैं। इस वजह से जिला कोर्ट को मंगलवार से 18 अप्रेल तक के लिए बंद कर दिया गया है। कोर्ट को सैनिटाइज़ किया जा रहा है। अब तक दो दर्जन वकील भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उधर, मथुरा जनपद में तकरीबन आधा दर्जन न्यायिक अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इसके बाद जिला न्यायाधीश ने मंगलवार को जनपद के सभी न्यायालय बंद रखने के आदेश दिए हैं।
जानिए अब कब होगी मामलों की सुनवाई लखनऊ जिला कोर्ट के बंद होने की वजह से 13, 14, 15, 16, 17 अप्रेल को जमानत अर्जियों की सुनवाई अब 20, 22, 23, 26 और 27 अप्रेल को होगी।
हाईकोई ने मामलों की सुनवाई के लिए जारी की गाइड लाइन कोविड 19 के बढ़ते मामलों के बीच हाईकोर्ट ने मामलों की सुनवाई के लिए नई गाइड लाइन जारी की है। मुकदमों के निस्तारण के लिए ऑन लाइन मोड अपनाने पर जोर दिया गया है। ट्रायल के मुकदमों में साक्ष्य के अलावा अन्य सभी न्यायिक व प्रशासनिक कार्य पूर्ववत ही किए जाएंगे। हाईकोर्ट ने विचाराधीन कैदियों का रिमांड और उनसे संबंधित अन्य न्यायिक कार्य जिस्टी मीट सॉफ्टवेयर के जरिए ऑन लाइन करने का निर्देश दिया है। साथ ही हर जिला अदालत में कम से कम एक या दो अदालतें जिस्ती मीट सॉफ्टवेयर से ही चलाने का निर्देश दिया है। ट्रायल के मुकदमों में यदि जिला जज यदि उचित समझें तो साक्ष्य लेने की अनुमति दे सकते हैं।
हाईकोर्ट ने पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अदालतों में एक समय में सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश की अनुमति दें। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। हर जिला अदालत को वकीलों, वादकारियों की सहायता के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी करने का निर्देश दिया है। वकील अदालत में पेश होने के लिए ड्रेस कोड से छूट प्रदान कर दी गई है। जजों को भी कोर्ट और गाइन पहनने से छूट दी गई है। सभी जिला अदालतों को प्रतिदिन निस्तारित होने वाले मुकदमों की जानकारी हाईकोर्ट को ई सर्विस के जरिए भेजनी होगी।