प्रारंभिक लक्षण और निदान
22 नवंबर 2024 को बुजुर्ग महिला को लगातार खांसी और बुखार की समस्या शुरू हुई। स्थानीय डॉक्टरों के इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ। जनवरी में, उन्होंने कानपुर रोड स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज कराया। डॉक्टरों ने निमोनिया और HMPV संक्रमण की आशंका जताई। 7 जनवरी को उनका सैंपल लिया गया, जिसे एक निजी पैथोलॉजी लैब में जांच के लिए भेजा गया। रिपोर्ट में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई।
अस्पताल में भर्ती और आगे की जांच
रिपोर्ट के बाद महिला को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने दूसरा सैंपल लिया और इसे निजी लैब के सैंपल के साथ केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजा। निजी लैब का सैंपल पॉजिटिव आया जबकि बलरामपुर अस्पताल का सैंपल नेगेटिव था। नेगेटिव रिपोर्ट के बावजूद, महिला की हालत बिगड़ती रही और उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। इलाज में बाधा बनी अन्य बीमारियां
- एचएमपीवी संक्रमण के साथ, महिला को कई अन्य बीमारियां भी थीं, जिन्होंने उपचार को जटिल बना दिया:
- टीबी (तपेदिक): एक दीर्घकालिक श्वसन रोग जो फेफड़ों को कमजोर करता है।
- किडनी रोग: किडनी की कार्यक्षमता में कमी जो समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
- उच्च रक्तचाप: एक पुरानी स्थिति जो हृदय प्रणाली पर दबाव डालती है।
- दिल की बीमारियां: पहले से मौजूद हृदय संबंधी समस्याएं।
- इन बीमारियों के कारण, महिला की रिकवरी अत्यंत कठिन हो गई।
अंतिम दिन
15 जनवरी को उनकी स्थिति गंभीर हो गई, जिसके कारण उन्हें तुरंत आईसीयू में शिफ्ट किया गया। गहन देखभाल और उपचार के बावजूद, उनकी मृत्यु हो गई।
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक का बयान
“मरीज की एचएमपीवी रिपोर्ट नेगेटिव थी। हालांकि, उन्हें तपेदिक, किडनी रोग, उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारियां थीं। सोमवार को उनकी स्थिति गंभीर हो गई, जिसके बाद उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। दुर्भाग्य से, इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।”– डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक, बलरामपुर अस्पताल
ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (एचएमपीवी) क्या है?
एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है जो आमतौर पर फ्लू या सामान्य सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। यह विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में गंभीर श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार
- खांसी
- सांस लेने में कठिनाई
- गंभीर मामलों में निमोनिया
इस घटना से प्रमुख सबक
- जल्दी निदान अत्यावश्यक है: देर से इलाज गंभीर परिणाम दे सकता है, खासकर उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए।
- सहवर्ती रोग जोखिम बढ़ाते हैं: पुरानी बीमारियों से पीड़ित मरीजों में मृत्यु दर अधिक होती है।
- उन्नत परीक्षण की आवश्यकता: परीक्षण परिणामों में भिन्नता उच्च-स्तरीय डायग्नोस्टिक सुविधाओं की आवश्यकता को उजागर करती है।
रोकथाम के उपाय
- टीकाकरण: हालांकि एचएमपीवी के लिए कोई विशिष्ट टीका नहीं है, फ्लू और निमोनिया के टीके जटिलताओं को कम कर सकते हैं।
- स्वच्छता का पालन: नियमित रूप से हाथ धोना और मास्क पहनना श्वसन संक्रमण को रोक सकता है।
- शुरुआती चिकित्सा सलाह लें: श्वसन लक्षणों के लिए तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
लखनऊ में एचएमपीवी के पहले मामले में मरीज की मौत ने इस वायरस की संभावित गंभीरता को उजागर किया है, खासकर उन व्यक्तियों के लिए जो पहले से ही अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। बढ़ती जागरूकता, समय पर निदान और प्रभावी उपचार भविष्य में ऐसे मामलों को प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।