लखनऊ

किसानों के लिए सीएम योगी का तोहफा, यूपी बनेगा आर्गेनिक खेती का हब, गंगा के दोनों किनारों पर होगी खेती

-जैविक खेती के लिए प्रशिक्षण व कृषि उपकरण देगी सरकार-कटान रोकने के लिए लगाए जाएंगे पौधे

लखनऊDec 22, 2020 / 10:35 am

Mahendra Pratap

किसानों के लिए सीएम योगी का तोहफा, यूपी बनेगा आर्गेनिक खेती का हब, गंगा के दोनों किनारों पर होगी खेती

लखनऊ. योगी सरकार उत्तर प्रदेश को जैविक खेती का हब बनाने जा रही है। आर्गेनिक फसलों के जरिये यूपी सरकार किसानों की किस्मत चमकाने की योजना बना रही है। गंगा के दोनों किनारों पर 5 किमी के दायरे में आने वाले गांवों के लिए आर्गेनिक खेती और बागवानी की योजना तैयार की गई है। जिससे गंगा, किसानों की आमदनी का जरिया बन सके। इस योजना को यूपी के कृषि विभाग, उद्यान विभाग और जल शक्ति मंत्रालय मूर्त रूप देने में लगे हुए हैं।
योगी सरकार ने प्रदेश को जैविक खेती का हब बनाने के लिए तैयारिया शुरू कर दी है। पहले चरण में प्रदेश के 63 जिलों के 68 हजार हेक्टेयर रकबे में जैविक फसलें लहलहाएंगी। जिन जिलों को जैविक खेती के लिए चुना गया है उनमें 36 जिले परंपरागत कृषि जिले हैं और 27 जिले नमामि गंगे परियोजना में शामिल हैं। इस योजना पर बेहतर तरीके से मॉनिटरिंग हो इसके लिए योगी सरकार का एप्रोच क्लस्टर खेती का होगा। हर क्लस्टर 50 एकड़ का होगा।
खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार तीन साल में प्रति क्लस्टर 10 लाख रुपए का अनुदान भी देगी।
प्रशिक्षण और उपकरण देने की योजना :- यूपी सरकार की योजना है कि वह गंगा के दोनों किनारे पर बसने वाले किसानों को प्रेरित करेगी कि वह रासायनिक खेती को छोड़ कर आर्गेनिक खेती को अपनाएं। साथ ही किसानों को आर्गेनिक अनाज, फल और फूलों की खेती करने का प्रशिक्षण देगी। यहीं नहीं इस खेती में उपयोग होने वाले आवश्यक कृषि उपकरणों को सब्सिडी के साथ किसानों को देने की भी योजना है।
तीन गोल पर है निगाहें :- योगी सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि, आर्गेनिक वस्तुओं की देश विदेश में भारी डिमांड है। और यह डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है। इस प्रकार यह योजना किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित होगी। आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के साथ योगी सरकार इस योजना से तीन बड़े लक्ष्यों पर काम कर रही है। जिसमें अगर पहले लक्ष्य पर बात करें मां गंगा की स्वच्छता और सुरक्षा, दूसरा किसानों की आय को दोगुना करना और तीसरा लक्ष्य प्रदेश में बड़ी मात्रा में आर्गेनिक फसलों के उत्पादन का है।
आर्गेनिक फसल के लिए अच्छा बाजार :- जल शक्ति मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपनी बात रखते हुए कहाकि, किसानों को रियायती मूल्य पर आवश्यक उपकरण दिए जाएंगे। साथ ही इसके लिए प्रशिक्षण और जानकारी भी दी जाएगी। विभाग आर्गेनिक फसलों, उत्पादों की पहचान और इसके लिए विशेष बाजार उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहा है। जिससे किसानों को फसलों के लिए सामान्य से अधिक कीमत मिल सके।
गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने की कोशिश :- योगी सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि, गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए यूपी सरकार बेहद सख्त रुख अपना रही है। गंगा के किनारे होने वाली खेती में किसी भी प्रकार के रासायनिक खादों के प्रयोग पर रोक रहेगी।
कूड़ा निस्तारण और पॉलीथीन करेगी बैन :- कृषि विभाग के एक बड़े अधिकारी को कहना है कि गंगा की तराई में आर्गेनिक खेती, प्राकृतिक खेती और बागवानी को बढ़ावा दे कर योगी सरकार, किसानों को आमदनी बढ़ाने का एक नया प्लेटफार्म देने जा रही है। गंगा के किनारे बसे गांवों में सॉलिड वेस्ट, कूड़ा निस्तारण का उचित प्रबंध करने के साथ-साथ पॉलीथीन पर पूरी तरह से बैन लगाया जाएगा। नमामि गंगे विभाग के एक अफसर ने बताया कि, गंगा नदी में प्रदूषण की एक बड़ी वजह रसायनिक खाद का इस्तेमाल है। इसलिए राज्य सरकार का पूरा प्रयास इस पर रोक लगाने की है।
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गंगा के साथ किसानों की तरक्की की योजना :- कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है, “योगी सरकार निर्मल और अविरल गंगा के साथ ही यूपी के किसानों की बेहतरी और उनकी तरक्की के लिए भी संकल्पबद्ध है। सरकार किसानों के हित में योजनाएं ला रही है।”
कटान रोकने को लगाएंगे पेड़ :- उन्होंने कहा कि कटान से बचाने के लिए गंगा के दोनों किनारों पर पेड़ लगाए जाएंगे। गंगा नदी को कटान से बचाने के लिए नदी के किनारे किनारे पीपल, पाकड़, आम, जामुन और बरगद जैसे पौधे लगाए जाएंगे। गंगा किनारे अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराने के लिए हर जिले में गंगा नर्सरी विकसित की जाएगी। गंगा किनारे लगने वाले सभी पौधों की जियो टैगिंग की जाएगी, ताकि पौधों की चोरी को रोका जा सके। इसके लिए वन विभाग की भी मदद ली जाएगी। गंगा किनारे कब्जा हुई जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा। और कोशिश की जाएंगी कि इसेे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाया जा सके।
गंगा स्टेडियम भी बनाए जाएंगे :- सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि, खेलों को बढ़ावा देने के लिए नदी के किनारे बसे गांवों में गंगा स्टेडियम भी बनाए जाएंगे। नदी के किनारे तालाबों का नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण भी योजना का हिस्सा है।

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