लखनऊ. UP Assembly Election 2022 : विधानसभा चुनाव 2022 के लिए यूपी में सियासत तेज हो गई है। पार्टियां अपने मूल वोट के साथ अब दूसरी पार्टी के आधार वोटों को तोड़ने की जुगत लड़ा रहीं हैं। जैसे समाजवादी पार्टी दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए बाबा साहेब वाहिनी बना रही है तो बहुजन समाज पार्टी अपने नए फार्मूले के तहत टिकट बंटवारे में सामान्य और ओबीसी को प्राथमिकता देने की रणनीति पर काम कर रही है। यूपी पंचायत चुनाव के रिजल्ट ने वर्तमान वक्त में विपक्षी दलों की पोल खोलकर हकीकत से रूबरू करा दिया है। इसीलिए सब मुस्तैद हो गए हैं।
प्रियंका गांधी अब 16 जुलाई को लखनऊ आएंगी बाबा साहेब वाहिनी Babasaheb Vahini का गठन शीघ्र :- समाजवादी पार्टी जैसे-जैसे चुनाव 2022 नजदीक आ रहा है वह अलर्ट होती जा रही है। रणनीतियों पर मंथन हो रहा है कि, जीत के वोटों की जुगत कहां से लाई जाए। दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए सपा बाबा साहेब वाहिनी का गठन कर रही है। और ऐसे दलित युवाओं की तलाश कर रही है जो उच्च शैक्षणिक योग्यता के साथ निर्विवाद हो। इन्हीं युवाओं को इस वाहिनी की जिम्मेदारी देने की योजना बनी है।
दलित चेहरों की तलाश तेज :- वैसे तो सपा में भी कई दलित चेहरे हैं। और वहीं कई पार्टियों के दलित नेता इस जिम्मेदारी को लेने के लिए सपा कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। पार्टी रणनीतिकारों का कहना है कि विभिन्न दलों के दलित नेता लगातार पार्टी के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि, 15 जुलाई को तहसील स्तर पर होने वाले प्रदर्शन के बाद बड़ी संख्या में दलित नेता सपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
बदले सियासी समीकरण में दलित वोट बैंक सपा की जरूरत :- सपा का वोट बैंक मुस्लिम-यादव समीकरण के आधार पर टिका है। पर बदले सियासी समीकरण में दलित वोट बैंक सपा की जरूरत बन गई है। पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहाकि, सपा जनता के हित को तवज्जो देती है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में हर वर्ग के लोग पार्टी से जुड़ रहे हैं।
मायावती का टिकट बांटने का नया फार्मूला :— मिशन-2022 फतेह करने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने टिकट बांटने का नया फार्मूला तैयार किया है। रणनीति के तहत इस बार सामान्य और ओबीसी टाप लिस्ट में होंगे। सामान्य जातियों में ब्राह्मण समाज पहली प्राथमिकता पर है। इसके पीछे एक बड़ी वजह है कि ब्राह्मण समाज इस वक्त भाजपा से नाराज चल रहा है। फिर पिछड़ा वर्ग है जिसके अधिक वोटर हैं। और इसके बाद बसपा के मूल आधार वोट बैंक का नम्बर आता है दलित और अल्पसंख्यक उम्मदीवारों का।
अक्तूबर में उम्मीदवारों की घोषणा :- हाईकमान का कहना है कि, बसपा इस बार अधिकतर सीटों पर युवाओं को मौका देगी। अगस्त में इस पर मंथन होगा। विधानसभा उम्मीदवारों को प्रचार के लिए अधिक मौका मिले इसलिए पार्टी सिंतबर के आखिरी सप्ताह या फिर अक्तूबर में नामों की घोषणा करेगी।