मैं नहीं लगवाऊंगा कोरोना वैक्सीन, अखिलेश यादव ने बताई चौंकाने वाली वजह ड्राई रन का मतलब है कि कोविड-19 टीकाकरण के लिए तय प्रोटोकॉल का पालन करते हुए टीकाकरण करने का पूर्वाभ्यास होगा। कोविड वैक्सीन जल्द ही आने वाली है। इसे चरणबद्ध तरीके से लगाना है, इसलिए पूरी तैयारियों को पहले से ड्राई रन के माध्यम से जांचा जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मिनट के विवरणों पर पूरी तरह से शोध किया जाए। कोल्ड स्टोरेज, तापमान, बिजली और इंजेक्शन की व्यवस्था, स्टाफ और चुनौतियां, जो ड्रिल के दौरान सामने आएंगी इन सभी चीजों का अध्ययन मॉक ड्रिल में किया जाएगा।
पहले किसको लगेगी कोरोना वैक्सीन :- पहले किसको लगेगी कोरोना वैक्सीन इस सवाल केेे जवाब का बहुतों को इंतजार है। यूपी सरकार ने पहले चरण के तहत अस्पताल-क्लीनिक में तैनात डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने की घोषणा की है। इसके लिए अस्पतालों में सर्वे का काम लगभग पूरा करा लिया गया है। दूसरे चरण में पुलिस, होमगार्ड और नगर निगम के कर्मचारियों को वैक्सीन लगाए जाने की योजना है। तीसरे चरण में 50 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी जो किसी न किसी गंभीर बीमारी जैसे कैंसर, दिल, गुर्दा, ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। चौथे चरण में यह वैक्सीन आम लोगों को लगाने की योजना है।
कोरोना वैक्सीनेशन की जानकारी कैसे होगी :- सूबे में पोलिंग बूथ की तरह कोरोना बूथ बनाकर टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। मतदाता सूची के आधार पर सुरक्षित टीकाकरण के लिए लाभार्थियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। एक बूथ पर अधिकतम 100 लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। टीका किसको लगेगा, कहां लगेगा, किस समय लगेगा और कब टीकाकरण केंद्र पहुंचना होगा, लाभार्थी को इसकी जानकारी एसएमएस से दी जाएगी। इसके अलावा एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले से तय लोगों के घर-घर जाकर वोटर स्लिप की तरह पर्ची पहुंचाएंगी। इसमें टीका लगवाने वाले के नाम सहित पूरी जानकारी होगी। कोरोना वैक्सीनेशन के बाद सम्बंधित को क्यू आर बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
कैसे पता लगेगा कि कोरोना वैक्सीन लग गयी है :- शुरुआत में टीकाकरण के लिए करीब 5 हजार केंद्रों की व्यवस्था की जा रही है। लगभग दो हजार केंद्र फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स, तीन हजार केंद्र 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए तैयार किये जा रहे हैं। टीकाकरण के लिए ब्लॉक स्तर पर कम्प्यूटर पर डाटा अपडेट किया जा रहा है, जिसमें लाभार्थी का नाम, उम्र, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा कोरोना काल में हुए सर्वेक्षण डाटा का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे ही टीका लगाया जाएगा, सम्बंधित के मोबाइल फोन पर टीका लगने का मैसेज भी आ जाएगा।
कोरोना वैक्सीनेशन के बाद खतरे को कैसे पहचानेंंगे :- कोरोना वैक्सीन लगने के बाद आधे घंटे तक ऑब्जर्वेशन रूम में रखा जाएगा कोरोना वैक्सीन जहां लगाई जाएगी वहां तीन कमरे बनाए गए हैं। पहला वेटिंग रूम, दूसरा वैक्सीनेशन रूम और तीसरा ऑब्जरवेशन रूम होगा। मरीज को कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए पहले वेटिंग रूम में बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना होगा। टीकाकरण के बाद आधे घंटे तक ऑब्जरवेशन रूम में रखा जाएगा कि कहीं उसके शरीर में कोई परिवर्तन तो नहीं आ रहा है।
वैक्सीन स्टोरेज सेन्टर्स की कैसे होगी निगरानी :- वैक्सीन स्टोरेज सेन्टर्स में सुरक्षा के लिए और सावधानी के तौर पर सीसीटीवी लगाये जाएंगे। इसके अलावा वैक्सीन कैरियर वाहनों में जीपीएस लगाया जाएगा, ताकि इसकी सुरक्षित सप्लाई सुनिश्चित की जा सके। सीसीटीवी बूथ पर टीका लगाने वाले दो विशेषज्ञ, दो सहायक और स्वयंसेवी तैनात किए जाएंगे।
फ्री मिलेगा या पैसे देने होंगे :- केंद्र सरकार ने नए साल में कोरोना वैक्सीन की कीमत के बारे में साफ-साफ बता दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहाकि यूपी सहित पूरे देश में 1 करोड़ हेल्थवर्कर, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर को कोरोना वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी। 27 करोड़ अन्य प्राथमिकता लाभार्थियों के लिए वैक्सीन की क्या कीमत होगी इसका बारे में शीघ्र बताया जाएगा।