भतीजे अखिलेश के प्रति उमड़ा चाचा शिवपाल यादव का प्रेम, भाजपा पर साधा निशाना कोरोना ने बागपत जिले में कोहराम मचाया :- कोरोना वायरस से बागपत जिले की हालात बहुत खराब हो गई थी। कोरोनावायरस से अप्रैल व मई माह में करीब 100 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 7 हजार लोग वायरस से संक्रमित हुए। कोरोना संक्रमित उपचार कराने के लिए बागपत के साथ ही मेरठ और गाजियाबाद के अस्पतालों में भर्ती होने लगे थे। बागपत से भी गंभीर रोगियों को मेरठ रेफर किया जा रहा था। इसी दौरान बागपत शहर का एक रोगी मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती हुआ। उसकी हालत गंभीर थी। इस दौरान अस्पताल प्रशासन से बड़ी चूक हो गई। उसने जिंदा रोगी को मृत दर्शा दिया।
वेरिफिकेशन में पता चला सच :- उसकी रिपोर्ट करीब 20 दिन पूर्व बागपत प्रशासन को भेजी गई। रोगी की मौत को पोर्टल पर भी दर्शाया गया था। अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एक नाम के दो व्यक्तियों की मौत पोर्टल पर देख संदेह हुआ। वेरिफिकेशन कराया गया। वेरिफिकेशन में जो बात सामने आई तो सब हैरान रह गए। पता चला कि जिस रोगी को मेरठ के अस्पताल ने मृत दर्शाया था, वह जिंदा मिला। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए उसके नाम को पोर्टल से हटा दिया।
चूक को ठीक कर दिया गया है :- सीएमओ डा. आर के टन्डन ने बताया कि मेरठ के अस्पताल से हुई चूक को ठीक कर दिया गया है। पोर्टल पर मौत का विवरण हटाकर जिंदा होने की जानकारी अपडेट कर दी गई है।