लखनऊ. सोमवार की रात बैकुंठ धाम स्थित शवदाह गृह में शवों का होता अंतिम संस्कार। शहर के दो प्रमुख श्मशान स्थलों पर रात्रि एक बजे तक 250 शव लाए गए ।
महेंद्र प्रताप सिंह पत्रिका न्यूज नेटवर्क लखनऊ. Lucknow Corona infection Update report : यूपी के सबसे बड़े अस्पताल और मेडिकल कालेज केजीएमयू में कोरोना से पीडि़त अपनी पत्नी के दाखिले को लेकर पिछले 24 घंटे से एक आइएएस परेशान हैं। लेकिन, उनकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा। सूबे के सर्वश्रेष्ठ मेंडिकल इंस्टीट्यूट एसजीपीजाीआइ में इतनी लंबी वेटिंग है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए भी एकाएक जरूरत पडऩे पर पहले से बेड आरक्षित करानी पड़ी है। निजी अस्पतालों में भी एक-एक सीट के लिए मारामारी है। पैसा, पावर कोई काम नहीं आ रहा।
यूपी में सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर भारी जुर्माना, रकम जान कर चौंक जाएंगेलगातार संक्रमितों का आंकड़ा पांच हजार पार 5000 हजार से अधिक आइसीयू और वेंटिलेटरयुक्त बेड गंभीर कोरोना मरीजों से भरे पड़े हैं। राजधानी में लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कमोबेश यही हाल श्मशान घाटों का है। देर रात तक कतार में जलती चिताओं से से उठने वाली सुर्ख लपटें शहर की चकाचौंध पर भारी पडऩे लगी हैं। आधा शहर हाफ रहा है। स्थिति यह है कि पिछले एक सप्ताह से हर रोज साढ़े पांच हजार से अधिक गंभीर मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। एक माह के भीतर अब तक 314 मरीजों की मौत हो चुकी है।
ऑक्सीजन न मिलने पर अफसरों को जिंदा जलाने की कोशिश इस डरावनी विभीषिका के बीच कहीं ऑक्सीजन को लेकर मारामारी है तो कहीं रेमेडेसिविर इंजेक्शन के लिए लाइन में लगे लोगों का धैर्य जवाब दे जा रहा है। तालकटोरा में ऑक्सीजन की कमी से परेशान मरीजों के परिजनों का सब्र टूट गया तो भीड़ ने गैस गोदाम के अफसरों को जिंदा जलाने की कोशिश की। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर मानते हैं कि 200 की भीड़ से ड्रग विभाग के अफसरों को बड़ी मुश्किल से बचाया गया। इस घटना के बाद सभी गैस प्लांटों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी है ताकि भीड़ ऑक्सीजन सिलेंडर न लूटने पाए।
सीएमओ के पास सुपर सीएम की ताकत राजधानी में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण के बीच मरीजों और उनके परिजनों की परेशानी बढ़ाने का काम सरकार का एक आदेश भी कर रहा है। इंदिरानगर के सुरजीत की मां की सांसे कोविड की वजह फूल रही हैं। लेकिन, कोई अस्पताल उन्हें एडमिट करने को तैयार नहीं। मुख्य चिकित्साधिकारी यानी सीएमओ की पर्ची के बिना सुजीत की मां को कहीं दाखिला नहीं मिलेगा। वह सुबह से ही लाइन में खड़े हैं शाम होने को आयी उन्हें पर्ची नहीं मिल सकी। पर्चियां उन्हें मिल रही हैं जिनकी सिफारिश ऊपर से आती है।
IMAGE CREDIT: Ritesh Singhअस्पतालों में न डॉक्टर न पैरा मेडिकल स्टॉफ सीएमओ आफिस से जंग जीतने के बाद नंबर आता है अस्पताल में मरीज को भर्ती कराने का। लेकिन न तो यहां चिकित्सक हैं न ही पैरामेडिकल स्टॉफ। केजीएमयू मे आधे से अधिक डॉक्टर संक्रमित हो चुके हैं। लोकबंधु अस्पताल के आठ टेक्नीशियन और नौ फार्मासिस्ट मंगलवार को पॉजिटिव पाए गए। दिनभर मरीजों को न कोई दवा देने वाला मिला न ही किसी को बेड मिली। मरीज लॉबी में पड़े हुए हैं। सरकार है कि कोरोना से निपट लेने का दावा कर रही है।
Hindi News / Lucknow / लखनऊ में कोरोना संक्रमण : पैसा, पॉवर कुछ नहीं आ रहा काम, चिताओं की लपटें चकाचौंध पर पड़ रहीं हैं भारी