खराब प्रदर्शन पर पहचाने गए विभाग जन शिकायतों और मुद्दों को संबोधित करने के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले विभागों की पहचान कर्मियों, आयुष, तकनीकी शिक्षा, कृषि विपणन, बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास, आवास और शहरी नियोजन, व्यावसायिक शिक्षा, नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के रूप में की गई है।
यह भी पढ़े – यूपी में कोरोना टेस्ट कभी भी हो सकता है बंद, सिर्फ पांच दिन का वीटीएम शेष लापरवाही के आरोप में स्पष्टीकरण मांगा एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, मुख्यमंत्री ने राज्य के 73 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे लापरवाही के आरोप में स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस जुलाई महीने की एक रिपोर्ट के आधार पर जारी किए गए हैं। उन्होंने सभी विभागों, प्रशासन और पुलिस के साथ कई बैठकें की हैं। जिसमें सभी अवसरों पर यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता की शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए। इतनी चेतावनियों के बावजूद, जब अधिकारियों और विभागों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलने लगी तो मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर और भी सख्त रुख अपनाया है।
यह भी पढ़े – यमुना एक्सप्रेसवे व सीतापुर पर टोल टैक्स एक सितम्बर से महंगा, पर इन वाहनों को दी गई छूट खराब प्रदर्शन वाले विभाग मंडलायुक्त :- मेरठ, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, देवीपाटन।
डीएम :- जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, कन्नौज, सोनभद्र, मिर्जापुर, श्रावस्ती, कासगंज, मथुरा, बस्ती। विकास प्राधिकरण :- बागपत, सिद्धार्थनगर, जालौन, उन्नाव व सोनभद्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, मेरठ, कानपुर नगर, अलीगढ़, सहारनपुर व मथुरा के नगर आयुक्त।
तहसील :- सोनभद्र की रॉबर्ट्सगंज, घोरावल व दुद्धी, अंबेडकरनगर की आलापुर, बहराइच की कैसरगंज, वाराणसी की राजा तालाब, लखीमपुर की धौरहरा, अमेठी की गौरीगंज, गाजीपुर की कासिमाबाद तथा कन्नौज की कन्नौज तहसील।