पंकज प्रसून ने बताया कि उनकी कविता मां का बुना स्वेटर, कभी छोटा नहीं पड़ता जब सोशल मीडिया पर हुई वायरल ।
•Mar 19, 2023 / 07:59 pm•
Ritesh Singh
मेले में बच्चों की जानकारी बढ़ाने वाले बच्चों के समाचार पत्र दि जूनियर एज का स्टाल है तो यहां हैदराबाद से आए एक स्टाल पर पेटेण्ट कराई हुई ऐसी स्लेट्स हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, तेलुगु, तमिल, पंजाबी, उड़िया, मलयालम, कश्मीरी, कन्नड़, नेपाली, मराठी, गुजराती, बांग्ला और असमी भाषा की ऐसी स्लेट्स हैं।
जिनपर अक्षरों का अभ्यास करके छोटे बच्चे बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसके अलावा हिन्दी अंग्रेजी में कई बार लिखकर इस्तेमाल होने वाली वर्क बुक भी हैं।
स्टाल संचालक बताते हैं कि उनकी पेटेण्ट करायी ये स्लेट्स अमेजन और फ्लिपकार्ट पर भी उपलब्ध हैं पर पुस्तक मेले में यह बहुत ही बड़ी छूट पर हर किसी को उपलब्ध हैं।
नेशनल बुक ट्रस्ट के स्टाल पर रोचक कहानियों की पक्की दोस्ती, फूल और मधुमक्खी, मुझे घर जाना है, रूपा हाथी की चित्रात्मक किताबें और महापुरुषों की जीवनियांं की संग कई भागों में विज्ञान सीखने की ज्ञानवर्धक किताबें हैं।
अमर चित्र कथा के स्टाल पर रंग बिरंगी कॉमिक्स बच्चों को लुभा रही हैं। दिमागी कसरत के गेम्स माइंड डेवलप्ड के स्टाल पर हैं। सस्ता साहित्य मण्डल के स्टाल पर प्रेरक कथाएं, जातक कथाएं, अमर कथाएं, आदर्श कथाएं, ज्ञान कथाएं और आलोक कथाएं जैसी बाल उपयोगी पुस्तकें हैं।
पंकज प्रसून ने बताया कि कविताओं के माध्यम से व्यापक स्तर पर बदलाव लाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर जानकीपुरम गड्ढों की समस्या से ग्रस्त था तो मैंने गड्ढा सम्मान समारोह किया और गड्ढा गान लिखा।
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