अयोध्या दीपोत्सव में होगा ड्रोन शो, रामायण के दृश्यों को दिलों में उतारने की तैयारी राम मंदिर में त्रिलोकी नाथ की भी पैरोकारी महत्वपूर्ण :- त्रिलोकी नाथ पाण्डेय छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। संघ के माध्यम से ही वे विहिप में भेजे गए और मंदिर आंदोलन के सहयोगी के रुप में उन्होंने छाप छोड़ी। आंदोलन के प्रति उनका समर्पण और उनकी समझदारी को देखते हुए पूर्व न्यायमूर्ति देवकीनंदन अग्रवाल के निधन के बाद दो दशक पूर्व उन्हें विहिप की ओर से अदालत में रामलला के सखा के तौर पर नामित किया गया। 9 नवंबर 2019 को रामलला के हक में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में उनकी भी पैरोकारी महत्वपूर्ण मानी जाती है। हालांकि निर्णय आने के बाद वे जीत का जश्न ठीक से नहीं मना सके और तभी से वे बीमार चल रहे थे।
अद्भुत समन्वय की वजह से मशहूर थे :- श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि मूलत: बलिया में जन्मे त्रिलोकी नाथ पाण्डेय बाल्यावस्था से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आए। 1972 में संघ के जिला प्रचारक और संगठन की ओर से 1979 में विश्व हिन्दू परिषद के संगठन मंत्री बने। वह संगठन की ओर रामलला के सिविल व सीबीआई के मुकदमों के पैरोकारी करते थे। संतों और अधिवक्ताओं के बीच अदभुत समन्वय बनाने की वजह से वह मशहूर थे।