दरअसल शासन द्वारा जारी नवम्बर माह की रेटिंग से तमाम अफसरों की लापरवाही सामने आ गई है। शासन द्वारा प्रत्येक माह आईजीआरएस पर दर्ज शिकायतों की समीक्षा की जाती है। शिकायतों के निस्तारण और योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर रेटिंग दी जाती है। इसमें यूपी के 75 जिलों को रेटिंग्स दी जाती हैं और हैरान करने वाली बात यह है कि नवम्बर माह में राजधानी लखनऊ 49वें पायदन पर है। वहीं, बलरामपुर टॉप टेन में स्थान बनाने में कामयाब हुआ है।
ये भी पढ़ें- इस बड़े सरकारी अधिकारी ने सीएम योगी को कहे थे अपशब्द, आज लिया गया बहुत बड़ा एक्शन, सभी रह गए हैरान सुल्तानपुर की हालत खराब- नवंबर माह की रेटिंग में लखनऊ का नीचे आना शासन में बैठे अधिकारियों के लिए भी चिंता का सबब है। लखनऊ के अलावा वरुण गांधी का संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर तो 75 जिलों में 72वें नंबर पर आया है। हालांकि, बलरामपुर को सातवां स्थान मिला है। रायबरेली को 18वां स्थान हासिल हुआ है। सीतापुर ने कुछ प्रगति करते हुए 41वें नंबर पर छलांग मारी है।
ये भी पढ़ें- सूर्यप्रताप शाही ने बुलन्दशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध पर दिया बहुत बड़ा बयान सपा के गढ़ में हो रहा जल्द निस्तारण- वहीं समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले इटावा नंबर एक पर है। मतलब वहां सबसे जल्द शिकायतों का निस्तारण होता है। उन्नाव में बेहतर काम को देखते हुए लिस्ट में उसे 21वां स्थान मिला है। खीरी, अमेठी और हरदोई ने भी शिकायतों के निस्तारण में अच्छी परफार्मेंस दिया है। हरदोई को 12वां, अमेठी 14वां और खीरी को 15वा स्थान मिला है। अयोध्या 44वें और बहराइच 63वें पायदान पर है।
यह हैं टॉप 10 शहर- वहीं टॉप 10 जिलों में इटावा, औरैया, कन्नौज, जालौन, झांसी, बदायूं, बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद और झांसी हैं।