लखनऊ

आगरा-प्रयागराज में औद्योगिक क्लस्टर बनाने की मिली मंजूरी, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

– करीब 15,000 करोड़ रुपए का होगा निवेश- सीएम योगी का प्रयास रंग लाए, आगरा—प्रयागराज में औद्योगिक गतिविधियों में होगा इजाफा

लखनऊAug 01, 2021 / 08:06 pm

Sanjay Kumar Srivastava

आगरा-प्रयागराज में औद्योगिक क्लस्टर बनाने की मिली मंजूरी, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने आगरा और प्रयागराज में दो बड़े औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर अपनी सहमति जता दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (एकेआईसी) में दो एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) विकसित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था। प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव पर सहमत होते हुए केंद्र सरकार ने आगरा और प्रयागराज में औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। ऐसे में अब प्रयागराज में सरस्वती हाई टेक सिटी और आगरा में एक्सप्रेस वे के निकट एक ग्रीनफील्ड साइट पर यूपीसीडा इन एकीकृतऔद्योगिक क्लस्टर (आईएमसी) को विकसित करेगा। यह आईएमसी 15,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकृष्ट करेंगे और इनसे एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा।
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आगरा आईएमसी 1,050 एकड़, प्रयागराज 1,139 एकड़ में :- उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के अनुसार, केंद्र सरकार ने पूर्वी और पश्चिमी यूपी में संतुलित विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन आईएमसी की स्थापना करने संबंधी प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान कर दी है। आगरा में प्रस्तावित आईएमसी लगभग 1,050 एकड़ में फैला होगा। आगरा किले और ताजमहल से इसकी दूरी लगभग 20 किमी है। जबकि प्रयागराज में सरस्वती हाई टेक सिटी में प्रस्तावित आईएमसी का क्षेत्रफल 1,139 एकड़ है। यह प्रयागराज से 10 किमी की दूरी पर है।
विश्वस्तरीय क्लस्टर बनाएंगी यूपीसीडा :- इन क्लस्टरों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने इन दोनों आईएमसी की संकल्पना एकीकृत टाउनशिप परियोजनाओं के रूप में की है। यहां के लिए प्रस्तावित बुनियादी ढांचे में सड़क नेटवर्क, जल निकासी, जलापूर्ति, सीवरेज, भूमिगत केबल द्वारा विद्युत आपूर्ति, भूमिगत डक्ट और कमांड सेंटर के साथ सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की उपलब्धता शामिल हैं। नोडल एजेंसी के रूप में यूपीसीडा ने स्मार्ट शहरों में अपनाई गई विश्वस्तरीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार इन आईएमसी को विकसित करने की परिकल्पना की है।
केंद्र सरकार से दो आईएमसी की मांगी थी अनुमति :- इन आईएमसी की स्थापना से प्रयागराज और आगरा में औद्योगिक गतिविधियों के साथ ही आवासीय और कमर्शियल गतिविधियों में इजाफा होना तय माना जा रहा है। इसी सोच के तहत ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (एकेआईसी) में दो एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) विकसित करने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
एकेआईसी गलियारे का 57 फीसद हिस्सा यूपी में :- अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (एकेआईसी) की कुल लंबाई 1,839 किलोमीटर है। कुल सात राज्यों से गुजरने वाले इस गलियारे का लगभग 57 फीसद भाग उत्तर प्रदेश में पड़ता है। एकेआईसी का लक्ष्य अपने समीप के इर्द-गिर्द सभी सात राज्यों में औद्योगिक क्लस्टरों का विस्तार करना है। योजना के अंतर्गत सभी राज्यों में एक-एक आईएमसी स्थापित किया जाना है। केवल उत्तर प्रदेश में ही दो आईएमसी होंगे। इन आईएमसी का विकास, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, औद्योगिक कॉरिडोर परियोजनाओं के उद्देश्यों के अनुरूप होगा।
एक लाख को मिलेगा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार :- राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम का लक्ष्य भारत में ग्रीनफील्ड औद्योगिक शहरों का विकास करना है ताकि वे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। राज्य में बनाए जाने वाले आईएमसी श्रेष्ठतम आवासीय, वाणिज्यिक, संस्थागत और सामाजिक बुनियादी ढांचे की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। अनुमान है कि ये आईएमसी 15,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आकृष्ट करेंगे और इनसे एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा।
आईएमसी का विकास करेगी यूपीसीडा :- नोडल एजेंसी के रूप में यूपीसीडा इन आईएमसी का विकास करेगी। इनके लिए बनाए जाने वाले विशेष उद्देश्य संगठन (एसपीवी) में भारत सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी होगी और विश्व स्तरीय विकास के अवधारणात्मक निर्धारण के लिए वह अंतरराष्ट्रीय ख्याति के मास्टर प्लानर की नियुक्ति की जाएगी।

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