प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्रा ने शुक्रवार को कहाकि कोई वयस्क कामगार किसी कारखाने में एक कार्य दिवस में 12 घंटे और सप्ताह में 72 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेगा और न ही उससे ऐसी अपेक्षा की जाएगी। कारखाने में वयस्क कामगारों की कार्य अवधि इस तरह से तय की जाएंगी कि प्रत्येक अवधि छह घंटे से ज्यादा न हो। साथ ही, आधे घंटे के विश्राम अंतराल से पहले कोई कामगार छह घंटे की अवधि के लिए कार्य नहीं करेगा।
चंद्रा ने ने बताया कि कामगारों की मजदूरी मौजूदा दरों के अनुपात में होगी। मसलन, यदि आठ घंटे की ड्यूटी की मजदूरी 80 रुपए है तो 12 घंटे काम करने की मजदूरी 120 रुपए होगी। कामगारों के बारे में यह सशर्त छूट 20 अप्रैल से 19 जुलाई 2020 तक की अवधि के लिए दी गई है।
कृषि क्षेत्र के लिए न्यूनतम मजदूरी तय :- कृषि कार्य भूमि जोतने, बोने, फसल को उगाने, काटने में मंडी के लिए तैयार करने, मंडी तक परिवहन करने समेत कई अन्य श्रेणियों में काम करने वाले में कामगार की न्यूनतम मजदूरी दर तय कर दी है। इन कामगारों के लिए 201 रुपए प्रतिदिन और 5226 रुपए प्रतिमाह की दर से न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी।