कानून के अंतर्गत जो 14 मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें से 13 मामलों में हिंदू महिलाओं पर जबरन इस्लाम धर्म स्वीकार करने का दबाव बनाया गया था। इसमें से दो मामलों में शिकायकर्ता खुद पीड़िता है, तो 12 में शिकायतकर्ता पीड़िता के रिश्तेदार हैं। इसमें से आठ मामलों में दोनों पक्ष का कहना है कि वह दोस्त या रिश्ते में हैं, जबकि दो का कहना कि वह शादी कर चुके हैं। 14 दर्ज मामलों में 3 बिजनौर में, दो शाहजहांपुर में, तो एक-एक मुजफ्फरनगर, बरेली, सीतापुर, मऊ, एटा, मुरादाबाद, हरदोई, आजमगढ़ और कन्नौज के हैं।
अध्यादेश लागू होने के ठीक एक दिन बाद बरेली के देवरनिया थाने में पहला मामला दर्ज हुआ था, जिसमें लड़की के पिता टीकाराम राठौर ने शिकायत की थी कि आवा अहमद (22) नामक व्यक्ति ने उनकी बेटी को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। बरेली पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए 3 दिसंबर को ही आवा को गिरफ्तार कर लिया था। राजधानी लखनऊ में कानून के अंतर्गत एक शादी समारोह को रोक दिया गया था।