क्या हुआ था आज के दिन
यह माना जाता है आज कार्तिका पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने त्रिपुर राक्षस का वध किया था। त्रिपुर ने एक लाख वर्ष तक प्रयाग में भारी तपस्या कर ब्रह्मा जी से मनुष्य और देवताओं के हाथों ना मारे जाने का वरदान हासिल किया था। इसके बाद भगवान शिव ने ही उसका वध कर संसार को उससे मुक्ति दिलाई थी।
आज के दिन दान करने से मिलता है पुण्य
शास्त्रों में लिखा गया है की आज के दिन यानि कार्तिक पूर्णिमा पर दान दक्षिणा देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही यह भी कहा जाता है की आज के दिन ही भगवान श्रीहरि ने मत्स्यावतार के रूप में प्रकट हुए थे। भगवान विष्णु के इस अवतार की तिथि होने की वजह से आज किए गए दान, जप का पुण्य दस यज्ञों से प्राप्त होने वाले पुण्य के बराबर माना जाता है।
दीप दान की है परम्परा
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान भी किया जाता है। आज के दिन लखनऊ की गोमती नदी में, इलाहाबाद के संगम में, वाराणसी आदि में नदियों में दीपदान का पर्व मनाया जाता है। यहां न सिर्फ आसपास के लोग होते हैं बल्कि देश विदेश से लोग यह त्यौहार देखने आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर अगर कृतिका नक्षत्र आ रहा हो तो यह महाकार्तिकी होती है। भरणी नक्षत्र होने पर यह विशेष शुभ फल देती है। रोहिणी नक्षत्र हो तो इस दिन किए गए दान-पुण्य से सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति है।