लखनऊ

अखिलेश और मायावती फिर आएंगे साथ? सपा प्रमुख के मुंह से निकली सच्चाई, फिर बोले- बात मत पकड़ो

Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव ने बसपा से गठबंधन पर ऐसा जवाब दिया है, जिसने राजनीतिक विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

लखनऊMar 27, 2023 / 02:30 pm

Rizwan Pundeer

अखिलेश यादव ने कहा है कि 2024 के चुनाव में सपा ही भाजपा को रोकने का काम करेगी

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्ष एकता की चर्चा खूब हो रही है। इस बीच अखिलेश यादव ने कांग्रेस और बसपा के साथ आने की संभावना को फिर से ताकत दे दी है। उन्होंने बसपा के साथ जाने को भी सिरे से खारिज नहीं किया। उनके मुंह से निकले एक शब्द ने भविष्य में फिर से सपा-बसपा के साथ आने की संभावना को हवा दे दी है।
अखिलेश यादव से रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल हुआ कि 2024 में उनके साथ कौन-कौन से दल आ सकते हैं। इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि जो गठबंधन में हैं, उनको साथ लेकर चलेंगे। वहीं कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “जो राष्ट्रीय दल बीजेपी से लड़ना चाहते हैं। उन दलों को लगे कि ये दल मजबूत है और लड़ सकता है तो उसका साथ दें। नीतीश कुमार ने भी सभी दलों के लीडर्स से मिलते हुए यही बात कही थी।”

बसपा को साथ लेंगे का सवाल और जवाब से फंस गए अखिलेश
इसी बीच अखिलेश से सवाल हुआ कि क्या मायावती के नेतृत्व वाली बसपा को भी साथ लेंगे? इस पर अखिलेश ने जवाब देते हुए कहा, जिन दलों से पहले अनुभव हो चुका उनको जल्दी से लेंगे। इस पर पत्रकार ने वापस सवाल किया कि जल्दी से नहीं लेंगे तो क्या देर से ले लेंगे? इस पर हंसते हुए अखिलेश यादव ने जवाब दिया कि इसीलिए तो मैंने कहा कि जल्दी से नहीं लेंगे। अब आप मेरी बात को ऐसे मत पकड़िए।

तो क्या फिर साथ आ सकते हैं सपा-बसपा
अखिलेश यादव लगातार ये कहते रहे हैं कि बड़े दलों से वो एलायंस नहीं करेंगे। साथ ही वो कांग्रेस को ये भी कहते रहते हैं कि कांग्रेस खुद फैसला करे कि कौन भाजपा को हरा सकता है। अब उन्होंने इशारे में ही सही बसपा के साथ जाने की भी संभावना जता दी है। ऐसे में लगता है कि सपा-बसपा फिर से साथ आ सकते हैं।

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2019 में साथ लड़े थे सपा और बसपा
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में मिलकर लड़ा था। हालांकि इसका नतीजा बहुत अच्छा नहीं रहा था। प्रदेश की 80 सीटों में से सपा को महज 5 तो बसपा को 10 सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव के बाद मायावती ने एलायंस से अलग होने का ऐलान कर दिया था।

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