प्रस्तावित विधेयक के अनुसार वकीलों को बीमारियों के दावे पर अधिकतम तीन लाख रुपए और यादिए आकस्मिक मृत्यु हो जाता है तो साल रुपए देने प्रस्ताव है। बता दें कि अभी आकस्मिक मृत्यु पर ढ़ाई लाख और बीमारियों के लिए एक लाख रुपए देने का प्रावधान है। बीसीआर के पूर्व चेयरमैन चिरंजीलाल सैनी के मुताबिक पिछले एक साल में बीसीओर वेलफेयर फंड 92 करोड़ रुपए से बढ़कर 122 करोड़ पहुंच गया।
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असलहाधारी हो जाएं सावधान, अब इतने लाइसेंसों पर होगी प्रशासन की नजर प्रस्ताव में 5 साल, 15 साल, 30 साल और 35 साल के विधायकों के लिए भी सुविधा दी जा रही है। साल की सदस्यता वाले वकील को 50 हजार, 15 साल के सदस्यता पर 1 लाख 98 हजार, 30 साल की सदस्यता पर 7 लाख 33 हजार और 35 साल की सदस्यता वाले वकील को 10 लाख 83 हजार रुपए देना प्रस्तावित है।
प्रस्ताव में नए वकीलों के लिए भी खुशखबरी है। इसमें दो साल की वकालत करने के बाद तीन साल तक 5 हजार रुपए स्टायफंड देने के विधेयक को मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेजा गया है। यह स्टायफंड देने पर राज्य सरकार को 35 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट 2019 की भी विधि विभाग की समीक्षा हो रही है। इन बिलों को राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।