लखनऊ

स्कूल बंक कर गोमती नहाने जाते थे लालजी टंडन, जानें- ऐसे ही उनके पांच अनसुने किस्से

लालजी टंडन की वे 5 बातें, जिन्हें जानकर दंग रह जाएंगे आप

लखनऊAug 21, 2018 / 09:20 pm

Hariom Dwivedi

स्कूल बंक कर गोमती नहाने जाते थे लालजी टंडन, जानें- ऐसे ही पांच अनसुने किस्से

लखनऊ. लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राजधानी के 83 वर्षीय नेता ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। 1960 में राजनीतिक करियर शुरू करने वाले लालजी टंडन मायावती और कल्याण सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। 2009 में लखनऊ से सांसद चुने गये। दो बार विधान परिषद सदस्य रहे। दो बार पार्षद भी रहे। लंबे समय तक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई। ये तमाम बातें आप जानते होंगे, लेकिन आज हम आपको लालजी टंडन के बारे में कुछ खास बातें बता रहे हैं, जिन्हें आप जानना चाहेंगे।
12 वर्ष की उम्र में आरएसएस में जुड़े गये
लालजी टंडन ने वर्ष 1960 से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। जेपी आंदोलन में लालजी टंडन ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। उन्हें भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का खासा करीबी माना जाता है। लालजी टंडन जब 12 वर्ष के थे, वह आरएसएस से जुड़ गये थे। हाल ही में उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ करते हुए उनकी सरकार को पूरे अंक दिये थे।
स्कूल बंक कर जाते थे गोमती नहाने
पत्रिका उत्तर प्रदेश से खास बातचीत में लालजी टंडन ने बताया कि बचपन में वह खूब क्रिकेट खेलते थे। फुटबाल के भी शौकीन थे। तैराकी में भी हाथ आजमाते थे। कई बार स्कूल बंक कर गोमती नदी में तैरने पहुंच जाते थे। शिकायत पर उन्हें घर और स्कूल में डांट भी पड़ती थी। लालजी टंडन ने बताया कि वह इन सब खेलों को अलावा पतंगबाजी के भी खासे शौकीन थे।
कबूतरों से भेजते थे लव लेटर
बीते दिनों पत्रिका को दिये इंटरव्यू में लालजी टंडन ने बताया कि वह कबूतर उड़ाने के भी शौकीन थे। उनके पास तरह-तरह के कबूतर थे। उन्होंने कबूतरों की लड़ाई और रेस भी करवाई। हंसते हुए उन्होंने बताया कि वह कबूतर से लव लेटर भी भेजते थे, लेकिन कहा कि ये नहीं बताऊंगा कि लव लेटर किसके थे और कबूतर किसे देकर आते थे। इतना कहकर वह हंसने लगे।
अटल की खड़ाऊं लेकर चुनाव जीते थे लालजी टंडन
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के सन्यास लेने के बाद लालजी टंडन को लखनऊ से भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया था। 2009 में बीजेपी से टिकट मिलने के बाद लालजी टंडन सबसे पहले अटल जी से मिलने गये और फिर चुनाव प्रचार में जुट गये। उस वक्त उन्होंने जनता के बीच यही प्रचार किया कि वह अटल जी की खड़ाऊं लेकर आये हैं। उस चुनाव में लालजी टंडन की बड़ी जीत हुई। वह पहली लोकसभा सांसद चुने गये।
राजनीतिक करियर
1960 से राजनीति में आये
कल्याण सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे
मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे
दो बार विधान परिषद सदस्य रहे
वर्षों तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे लालजी टंडन
दो बार पार्षद भी रहे लालजी टंडन
2009 में लोकसभा सांसद चुने गये

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