लखनऊ

आशीष मिश्रा की रद्द हुई जमानत, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोल गए राकेश टिकैत

Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत सर्वोच्च न्यायलय ने रद्द कर दी है। सात ही एक सप्ताह में सरेंडर करने के भी निर्देश दिए हैं। ऐसे में राकेश टिकैत की बयानबाजी भी सामने आई।

लखनऊApr 18, 2022 / 11:54 am

Snigdha Singh

Lakhimpur Kheri Violence Culprit Ashish Mishra Bail cancelled

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की सोमवार को जमानत रद्द हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत खारिज कर दी है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने आशीष को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने को कहा है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भाकयू) के नेता और कृषि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। बता दे कि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था।
लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा। पीड़ित पक्ष की सुनी नहीं गई। कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को वापस भेज दिया है। जमानत रद करने की याचिका पर फैसला चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने सुनाया है। हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों द्वारा हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
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क्या बोले राकेश टिकैत

राकेश टिकैत ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका रद्द किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ठीक काम करती है, यदि काम करने दिया जाए। आशीष मिश्रा को एक हफ्ते का समय है तो सरेंडर करना चाहिए।” इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर टिकैत ने कहा कि वह इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं। कोर्ट कोर्ट को कह सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पूरा देश मान रहा था कि गलत हुआ था। उन्होंने कहा, ”संसद से बड़ा कोर्ट है। जब कोर्ट अपनी पावर का इस्तेमाल करेगा तो देश ठीक चलेगा।
परिवारों ने खटखटाया था सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा

हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों ने उच्च न्यायालय के जमानत आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका में कहा गया था कि यह फैसला कानून की नजर में सही नहीं है क्योंकि सरकार द्वारा कोई सार्थक और प्रभावी सहायता नहीं की गई है। हालांकि इससे पहले अधिवक्ता शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने आशीष मिश्रा की जमानत रद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
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क्या है पूरा मामला

साल 2021 में 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के दौरान हुई हिंसा का है। केशव प्रसाद के दौरे का कुछ किसान विरोध कर रहे थे, जिस पर तेज रफ्तार में एक एसयूवी कार चढ़ा दी गई थी और किसानों को कुचल दिया गया था। हिंसा के बाद गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। आरोप है कि आशीष मिश्रा इस गाड़ी में सवार थे। ये घटना एक साजिश के रचकर की गई थी।

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