रंग-बिरंगे पेंट की कला का क्रेज नवीन मार्केट स्थित श्रृंगार केंद्र में कान्हा को वृंदावन व नाथ द्वारा की तर्ज पर रंग बिरंगे पेंट से कान्हा को सजाने की कला का इस्तेमाल किया जा रहा है। केंद्र के संचालक यश अग्रवाल गोपाल गुड़िया वाले बोले, वृंदावन व नाथद्वारा के कारीगरों से कान्हा का पेंट से श्रृंगार की कला यहां पर खासतौर पर सीखी गई है। इस कला से कान्हा का श्रृंगार की डिमांड बहुत बढ़ी है।
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कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की फिर बिगड़ी तबियत, डॉक्टरों ने कहा ब्रेन डेड अवस्था में पार्लर में ये सर्विस कृष्ण कन्हैया के लिए भी एक से बढ़ एक सर्विसेज उपलब्ध हैं। मैन्यूक्योर, नेल एक्सटेंशन, हेयर, ड्रेसअप और फेशियल तरह तरह की मेकअप उपलब्ध है। लोग अपने लड्डू गोपाल को मेकअप करा रहे हैं। 150 से लेकर 5 हजार तक में सर्विस उपलब्ध हैं।
नग जड़ी पयजनिया, घुंघराले बाल ब्यूटी पार्लर व श्रृंगार केंद्रों में कान्हा की मूर्तियों को चंदन व सिंदूर के लेप से नहलाकर उनको चमकदार बनाया जाता है। पेंट व फेविकोल की सहायता से नग जड़ी कंठमाल, बांसुरी, चूड़ी, पयजनिया, पायल, करधनियां व कुंडल पहनाते हैं। कान्हा के मुख मोहक बनाने को तिल, टीका से सजाते है। कान्हा के घुंघराले बाल भी कम आकर्षक नहीं है। हाथ-पैर के नाखूनों में नेलपालिश लगाने के बाद आकर्षक अंगूंठी पहनाई जाती है। अधरों को लाली से निखारा जाता है। नेत्रों को आकर्षक बनाने के लिए आईलाइनर, अंजन लगाया जा रहा है।