MLA कुलदीप सेंगर के भाई ने यूपी पुलिस के DSP को मारी गोली, पेट में धंसी, यूपी की राजनीति में मचा हड़कंप
कुलदीप सिंह सेंगर का पॉवर कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) के पॉवर के सामने जिले के अधिकारी भी मजबूर नजर आए। 15 महीने बीत जाने के बाद भी वह इस मामले पर कोई निर्णय नहीं ले सके और लाइसेंस निरस्तीकरण की फाइल देखते ही देखते दबा दी गई। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले की पीड़ित और उसके वकील की हथियार लाइसेंस (Armed Liscense) की गुहार को पुलिस-प्रशासन दरकिनार कर दिया। पीड़िता के वकील महेंद्र सिंह (Mahendra Singh) ने 15 जुलाई को उन्नाव जिले के डीएम को पत्र लिखकर जल्द हथियार का लाइसेंस देने की मांग की थी लेकिन सेंगर का प्रभाव ऐसा रहा कि उन्नाव गैंगरेप पीड़ित (Unnao Gangrape Victim) और उसके वकील को अभी तक हथियार का लाइसेंस नहीं मिला।
हथियार लाइसेंस के लिए पत्र वायरल पीड़ित के वकील का इस मामले से जुड़ा एक पत्र सामने आया है। जिसमें रेप पीड़ित के वकील महेंद्र सिंह ने उन्नाव के जिलाधिकारी (Unnao DM) को लिखा था। 15 जुलाई, 2019 को भेजे गए इस पत्र में वकील ने उसे जल्द शस्त्र लाइसेंस (Armed Liscense) जारी करने की मांग की थी। उसने पत्र में लिखा है कि भविष्य में उसकी हत्या भी की जा सकती है। वकील महेंद्र सिंह की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि वह माखी कांड के मामले में सीबीआई (CBI) के सामने गवाह है। उन्होंने सितंबर 2018 में ही शस्त्र लाइसेंस की मांग की थी। इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा है कि आज तक सत्ता के दबाव और प्रभाव के कारण उनके आवश्यक कागजातों का सत्यापन तक नहीं किया गया। पत्र में पीड़ित के वकील ने लिखा था कि प्रार्थी के आवेदन को तत्काल प्रभाव से सत्यापन रिपोर्ट तलब कर शस्त्र लाइसेंस (Armed Liscense) प्रदान करने की अनुमति देने की कृपा करें।