धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी जन्माष्टमी हर साल बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। जन्माष्टमी की पूजा मथुरा, वृंदावन और द्वारिका में विधि.विधान से की जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। हिंदू धर्म में इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान श्री कृष्ण सभी मुरादें शीघ्र पूर्ण कर देते हैं।
यह भी पढ़ें – Gold Silver Price Today : सोने चांदी की कीमत में भारी गिरावट, निवेश का अच्छा मौका मिलेगा भारी मुनाफा मध्यरात्रि की पूजा अधिक फलदायी इस साल भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 09 बजकर 20 मिनट पर आरम्भ होगी और 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। लेकिन जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को ही मनाया जाएगा। चूंकि श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसलिए जन्माष्टमी पर मध्यरात्रि की पूजा सबसे अधिक फलदायी मानी जाती है।