कू एप के को फाउंडर मयंक बिदवतका कहते हैं कि मैं राजस्थान के सीकर जिले का रहने वाला हूँ। पढ़ाई मुंबई से की है। फिर एक बड़ी बिजनेस फैमिली से होने के बावजूद मैंने सबसे पहले जॉब करने की सोची थी। जैसे हर घर में होता है कि पढ़ाई के बाद जॉब करो, लेकिन मेरे यहाँ सब ये चाहते थे कि मैं जॉब छोडकर कुछ अपना करूँ। हालांकि मैं खुद भी बिजनेस ही करना चाहता था। लेकिन कुछ ऐसा जिससे हर कोई जुड़ सके। इसलिए अब डिजिटल क्रांति कर रहा हूँ। मैंने भारत को भारत के नजरिए से हर भारतीय भाषा में दिखाने की कोशिश की।
मयंक कहते हैं कि मैं सीकर जिले से हूँ। राजस्थान के लगभग सभी जगह पर घूमा है। बचपन की यादें वहीं से जुड़ी हुई हैं। आज बैंगलोर में हूँ लेकिन मन राजस्थान के लिए काफी परेशान रहता है। क्योंकि वहाँ का कल्चर, खाना, ठाठ कहीं भी नहीं मिलता है। दुनियाभर से लोग राजस्थान के फाउंडेशन पर वहाँ हैं। लेकिन मैं अपने घर राजस्थान से दूर उसे बहुत याद करता हूँ। राजस्थान योद्धाओं, राजाओं का राज्य है। यहाँ का हर व्यक्ति हंसमुख खुश रहने वाला और अपनी अलग पहचान बनाने वाला है।
कू के को फाउंडर मयंक कहते हैं कि हमारा ये एप पूरी तरह से भारतीय है। हमने किसी को कॉपी करके इसे नहीं बनाया है। बाहर के जो भी एप हैं। वो पूरी तरह से विदेशी हैं, उनकी अलग भाषा है। जबकि हमारा काम हमारी क्षेत्रीय भाषा में हैं। वो भी तीन दर्जन से अधिक क्षेत्रीय भाषा के लिए हमारे एप पर ओपन की बोर्ड है।
हमारे पास बहुत सारे ऐसे टूल्स हैं जिनसे हर बात को आसान तरीके से लिखा, दिखाया या सुनाया जा सकता है।
हाल ही में हुए 5 राज्यों के चुनावों में एक बार फिर से सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर मयंक कहते हैं कि ‘किसी भी अच्छे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग लोग अपनी बातों को कहने के लिए करते हैं। उसका किसी भी चुनाव से कोई लेना देना नहीं। हर बार चुनाव में सोशल मीडिया को दोष देना गलत बात है।
हमें लोकतान्त्रिक व्यवस्था और भारत के चुनाव आयोग पर पूर्ण विश्वास है।
Koo App के को फाउंडर मयंक कहते हैं कि भारत में काम करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्म में बड़े बदलाव की ज़रूरत है। क्योंकि वो भारतीय क्षेत्र को नहीं जानते हैं। लेकिन हम काफी अच्छे से अपने देश को समझते भी हैं, महसूस भी करते हैं। क्योंकि अब देश युवाओं के हाथ में है, जो डिजिटल क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। खास तौर पर टेक्नोलोजी और सॉफ्ट वेयर में हम और भी तेजी से काम कर रहे हैं।
भारत सरकार के सकिल इंडिया कार्यक्रम से रोजगार तेजी से बढ़ा है। खास तौर पर युवा वर्ग में व्यापार करने की चाहत बहुत तेजी से बढ़ी है। जिससे हर घर में रोजगार होगा।