यह भी पढ़ें
रेमडिसिविर को लेकर क्यों मची है अफरातफरी? इस दवा के बारे में जानें वह सब जो जानना चाहते हैं आप
एंटीजन टेस्ट (Antigen Test)
शरीर में कोरोना वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए एंटीजन टेस्ट किया जाता है। एंटीजन टेस्ट का फायदा यह है कि इसमें तुरंत परिणाम मिल जाता है। अगर रैपिड एंटीजन टेस्ट पॉजिटिव है तो आप कोरोना पॉजिटिव हैं, लेकिन अगर आपका टेस्ट नेगेटिव है और फिर भी लक्षण दिख रहे हैं तो कई बार चिकित्सक संक्रमण का पता लगाने के लिए आरटीपीसीआर जांच करवाते हैं। इस टेस्ट में व्यक्ति की नाक के दोनों तरफ से फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है। स्ट्रिप पर एक रेड लाइन आने पर रिपोर्ट निगेटिव मानी जाती है। स्ट्रिप पर यदि दो रेड लाइन आती है तो व्यक्ति को संक्रमित माना जाता है। यह जांच मुफ्त होती है।
आरटीपीसीआर टेस्ट (RT PCR Test)
शरीर में कोरोना की उपस्थिति का पता लगाने के लिए दुनिया भर के डॉक्टर आरटी-पीसीआर को सबसे अच्छा टेस्ट मानते हैं। आरटी-पीसीआर मतलब रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट। सरल शब्दों में आपके शरीर में वायरस की मौजूदगी का पता लगान के लिए चेन रिएक्शन करवाया जाता है। इस टेस्ट के जरिए वायरस के जेनेटिक मेटेरियल को टेस्ट किया जाता है। कोरोना एक आरएनए वायरस है। टेस्ट के लिए इस्तेमाल होने वाला आरएनए मरीज के स्वाब से निकाला जाता है। इस टेस्ट में नाक या गले से एक नमूना (स्वाब) लिया जाता है। लैब में स्वाब की जांच के बाद संक्रमण का पता चलता है। सरकारी अस्पतालों में यह जांच मुफ्त होती है। सरकार ने निजी पैथॉलोजी के लिए 700 रुपए रेट तय किये हैं।
शरीर में कोरोना की उपस्थिति का पता लगाने के लिए दुनिया भर के डॉक्टर आरटी-पीसीआर को सबसे अच्छा टेस्ट मानते हैं। आरटी-पीसीआर मतलब रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्ट। सरल शब्दों में आपके शरीर में वायरस की मौजूदगी का पता लगान के लिए चेन रिएक्शन करवाया जाता है। इस टेस्ट के जरिए वायरस के जेनेटिक मेटेरियल को टेस्ट किया जाता है। कोरोना एक आरएनए वायरस है। टेस्ट के लिए इस्तेमाल होने वाला आरएनए मरीज के स्वाब से निकाला जाता है। इस टेस्ट में नाक या गले से एक नमूना (स्वाब) लिया जाता है। लैब में स्वाब की जांच के बाद संक्रमण का पता चलता है। सरकारी अस्पतालों में यह जांच मुफ्त होती है। सरकार ने निजी पैथॉलोजी के लिए 700 रुपए रेट तय किये हैं।
यह भी पढ़ें
प्लाज्मा थेरेपी क्या है, क्या हैं इसके फायदे व नुकसान
एचआर सीटी स्कैन (HRCT Scan)
कई बार मरीजों की आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आती है, लेकिन उनमें कोरोना के लक्षण होते हैं। ऐसे मरीजों का एचआर (हाई रिजोल्यूशन) सीटी स्कैन किया जाता है। इससे मरीज में संक्रमण और उसके स्तर का पता चलता है। चिकित्सकों का कहना है किजिन मरीजों को सांस लेने में तकलीफ है, उनके लिए सीटी स्कैन बेहद प्रभावी है। इससे लंग्स में संक्रमण की वास्तविक स्थिति का पता चलता है। निजी लैब में एचआर सीटी स्कैन टेस्ट 5-10 हजार रुपए में होता है।
अलग-अलग हैं सीटी वैल्यू (CT Value) और सीटी स्कोर (CT Score)
बाराबंकी के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि सीटी वैल्यू और सीटी स्कोर दोनों अलग-अलग हैं। सीटी स्कोर से पता चलता है कि संक्रमण से फेफड़ों को कितना नुकसान हुआ है। सीटी स्कोर अधिक है तो फेफड़ों को नुकसान भी अधिक हुआ है और यदि स्कोर नॉर्मल है तो इसका अर्थ ये है कि फेफडों में कोई नुकसान नहीं हुआ है। अगर सीटी स्कोर 5 या 6 है तो माना जाता है कि पेशेंट कोरोना संक्रमित है। वहीं, सीटी वैल्यू साइकिल थ्रेशहोल्ड वैल्यू है, जो शरीर में वायरल लोड बताती है। अगर सीटी वैल्यू 35 से कम है, तो इसका मतलब आप संक्रमित हैं। सीटी वैल्यू 22 से कम पर आपको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है।
बाराबंकी के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राजीव कुमार सिंह ने बताया कि सीटी वैल्यू और सीटी स्कोर दोनों अलग-अलग हैं। सीटी स्कोर से पता चलता है कि संक्रमण से फेफड़ों को कितना नुकसान हुआ है। सीटी स्कोर अधिक है तो फेफड़ों को नुकसान भी अधिक हुआ है और यदि स्कोर नॉर्मल है तो इसका अर्थ ये है कि फेफडों में कोई नुकसान नहीं हुआ है। अगर सीटी स्कोर 5 या 6 है तो माना जाता है कि पेशेंट कोरोना संक्रमित है। वहीं, सीटी वैल्यू साइकिल थ्रेशहोल्ड वैल्यू है, जो शरीर में वायरल लोड बताती है। अगर सीटी वैल्यू 35 से कम है, तो इसका मतलब आप संक्रमित हैं। सीटी वैल्यू 22 से कम पर आपको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है।