कारोबारियों ने बताया कि आटे में बीते अरसे से मामूली तेजी चल रही थी। हाल के समय में बड़ी तेजी आई है। गेहूं से तैयार होने वाले अन्य उत्पाद भी महंगे हो गए हैं। सूजी का थोक दाम 34 रुपये किलो हो गया है। वहीं मैदा थोक में 32 रुपये पहुंच गया है। इन पर दो रुपये किलो की तेजी रही है। श्रावण में व्रताहार में प्रयोग होने वाले कूटू आटा पर भी महंगाई है। जो वैराइटी 100 रुपये किलो चल रही थी, उसके दाम 120 रुपये किलो से अधिक हो गए हैं।
देशी घी के दाम चरम पर
रसोई के बजट को मामूली राहत रिफाइंड तेल ने दी है। सहालगों के कारण आई तेजी कायम नहीं रह सकी। बीते हफ्ते तीन रुपये किलो की गिरावट दर्ज हुई है। सरसों का तेल भी बीते डेढ़ महीने से स्थिर चल रहा है। देशी घी के दाम चरम पर हैं। सूखे मेवे महंगे सबसे अधिक महंगाई काजू पर है। थोक दाम 750 रुपये से बढ़कर 1000 रुपये हो गया है। चार टुकड़ा काजू भी इस समय 850 रुपये किलो के स्तर पर है। मखाना उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। बढ़ी हुई मांग के कारण थोक दाम 1100 रुपये किलो के स्तर पर हैं। बादाम मिंगी में मामूली तेजी है।
बरसात का असर
लखनऊ के दुकानदार संजू ने बताया कि आटे की महंगाई बरसात के कारण है। बाजार में उपलब्ध गेहूं का स्टॉक खत्म हो गया है। हर जगह बरसात के कारण आवाजाही प्रभावित है। माल नहीं आ रहे। यह भी पढ़ें