ट्रांसप्लांटेशन में जोखिम कम, खर्च भी कम एसजीपीजीआई के डॉक्टरों ने अपनी टीम रोबोट को शामिल किया है और अब यह किडनी के ट्रांसप्लांट में सहयोग भी देगा। नेफ्रोलॉजी विभाग के सीनियर डॉक्टर नारायण प्रसाद का कहना है कि रोबोट के द्वारा ट्रांसप्लांटेशन में जोखिम कम होगा और मरीज को ऑपरेशन के दौरान चीरा भी छोटा लगेगा। सामान्य किडनी ट्रांसप्लांट करने में पांच से छह घंटे का समय लगता है। रोबोट भी ट्रांसप्लांटेशन में इससे कम समय लगेगा। ट्रांसप्लांटेशन में कुल खर्च चार लाख रुपये का आएगा। सामान्य किडनी ट्रांसप्लांट में तीन लाख रुपए के करीब का खर्च आता है। जबकि निजी संस्थानों में यह खर्च 20 लाख के आसपास है।
कोरोना संक्रमण के बाद रफ्तार पकड़ रहा किडनी ट्रांसप्लांट नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञ ने कहा ने कोरोना महामारी जब पीक पर थी तब किडनी ट्रांसप्लांट की संख्या घट गई थी। जबकि उसके पहले आमतौर पर यहां हर साल लगभग 150 ट्रांसप्लांटेशन किए जा रहे थे। अब कोरोना के संक्रमण घटने के बाद फिर किडनी ट्रांसप्लांटेशन ने रफ्तार पकड़ी है। रोबोट हर हफ्ते तीन से चार ट्रांसप्लांटेशन कर सकेगा।