डिप्टी सीएम ने ऐसा क्यों कहा?
10 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। प्रदेश में BJP ने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया। सूबे में 37 साल बाद किसी पार्टी ने दोबारा सरकार बनाया था। लेकिन इसी बीच एक और घटना घटी, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपना विधानसभा चुनाव सिराथू से हार गए। इसके बाद भी उन्हें योगी कैबिनेट में फिर से उपमुख्यमंत्री बनाया गया। यहीं से शुरू होती है सपा और केशव प्रसाद मौर्य के बीच कोल्ड वार…
10 मार्च 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। प्रदेश में BJP ने चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया। सूबे में 37 साल बाद किसी पार्टी ने दोबारा सरकार बनाया था। लेकिन इसी बीच एक और घटना घटी, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपना विधानसभा चुनाव सिराथू से हार गए। इसके बाद भी उन्हें योगी कैबिनेट में फिर से उपमुख्यमंत्री बनाया गया। यहीं से शुरू होती है सपा और केशव प्रसाद मौर्य के बीच कोल्ड वार…
सपा ने बताया स्टूल मंत्री
यूं तो सपा और केशव प्रसाद मौर्य के बीच ट्विटर वार बहुत पहले से चल रहा था। लेकिन 2022 के बाद से यह और तेज हो गया। एक तरफ जहां केशव प्रसाद मौर्य सपा प्रमुख को बयानबीर कह के संबोधित करते हैं। दूसरी तरफ सपा उन्हें स्टूल मंत्री और बिना बजट के मंत्रालय का मंत्री कहती है।
सपा अक्सर उन्हें CM बनने का ऑफर देती है…
पिछली विधानसभा चुनाव में सपा के 116 विधायक जीते थे। केशव प्रसाद मौर्य अपनी सीट पर चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी जब BJP उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया। तब से ही अखिलेश उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की बात करते आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने कई बार कहा कि केशव प्रसाद मौर्य अपने साथ 100 विधायक लाए। हमारे 116 विधायक उनके साथ आ जाएंगे और वह CM बन जाएंगे।
पिछली विधानसभा चुनाव में सपा के 116 विधायक जीते थे। केशव प्रसाद मौर्य अपनी सीट पर चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी जब BJP उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया। तब से ही अखिलेश उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की बात करते आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने कई बार कहा कि केशव प्रसाद मौर्य अपने साथ 100 विधायक लाए। हमारे 116 विधायक उनके साथ आ जाएंगे और वह CM बन जाएंगे।
प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा चाहते है अखिलेश
समाजवादी पार्टी को करीब से जानने वाले बताते है कि अखिलेश 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा की राजनीति करना चाहते हैं। इसलिए वह बार-बार प्रदेश में जातीगत जनगणना की मांग कर रहे हैं। पिछले कई चुनावों में सपा ने सवर्णों को मौका दिया। लेकिन उससे उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ हैं। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया। उसके बाद से जिस तरह से उनका बचाव किया। यह दिखाता है कि वह अब अपने रणनीति से पीछे नहीं हटने वाले हैं।
सपा को काउंटर करने के लिए BJP का प्लान
BJP प्रदेश में गैर यादव OBC वोटरों के लगातार चुनाव जीत रही हैं। केशव प्रसाद मौर्य भी पिछड़े समाज से आते हैं। अब वह UP में पिछड़े वर्ग में एक बड़ा चेहरा बन चुके हैं। इसलिए जब सपा ने प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा किया। तब उसे काउंटर करने के लिए BJP ने केशव को आगे किया और तभी से इन दोनों के बीच ट्विटर के साथ ही विधानसभा में कोल्डवार चल रहा हैं।
BJP प्रदेश में गैर यादव OBC वोटरों के लगातार चुनाव जीत रही हैं। केशव प्रसाद मौर्य भी पिछड़े समाज से आते हैं। अब वह UP में पिछड़े वर्ग में एक बड़ा चेहरा बन चुके हैं। इसलिए जब सपा ने प्रदेश में अगड़ा बनाम पिछड़ा किया। तब उसे काउंटर करने के लिए BJP ने केशव को आगे किया और तभी से इन दोनों के बीच ट्विटर के साथ ही विधानसभा में कोल्डवार चल रहा हैं।
सपा पर लगातार हमलावर है उपमुख्यमंत्री
केशव प्रसाद मौर्य आज कल सपा पर लगातार हमलावर हैं। वह कभी सपा प्रमुख को बयानबहादुर तो कभी भ्रष्टाचारी कहते हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने कई बार अखिलेश को पिछड़ों का हक मारने वाला बताया है। उपमुख्यमंत्री के हर ट्वीट पर सपा की मीडिया सेल रिएक्ट करती है और उन्हें बेचारा मंत्री कहती है।