करवाचौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। वाराणसी के पंडित सनत त्रिपाठी मनू जी महाराज ने बताया कि इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर रविवार को सुबह 6.46 बजे से अगले दिन 21 अक्टूबर को सुबह 4.16 बजे तक रहेगी। ऐसे में करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर यानी रविवार को रखा जाएगा।
करवाचौथ व्रत तोड़ने के लिए क्यों जरूरी है चन्द्र दर्शन?
वाराणसी के पंडित सनत त्रिपाठी मनू जी महाराज बताते हैं कि कि करवाचौथ का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाएं सुबह स्नान-ध्यान कर सुख सौभाग्य का संकल्प करते हुए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं। शाम को शिव, गौरी, गणेश जी का पूजन और करवा की कथा सुनती हैं। चांद के दीदार के बाद ही व्रत को पूरा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। उन्होंने बताया कि आयु, यश और समृद्धि का प्रतीक भी चंद्रमा है और इस बार चंद्रमा अपनी उच्च राशि में है। यह भी पढ़ें