दरोगा न देता गाली तो न होती घटना पुलिस की पूछताछ में बेटे सिद्धार्थ ने बताया कि पूर्व में हुए समझौते के दौरान दारोगा ने कहा था कि अब जब विवाद करें तो मुझे बुलाना, इसीलिए चौकी पुलिस को सूचना दी थी। जिस समय दारोगा हिमांशु घर पहुंचे थे, मां छत पर कपड़े फैला रही थीं। दारोगा ने दरवाजा खोलने के लिए कहा तो मां किरन ने इन्कार कर दिया। उस वक्त पिता बाहर वाले कमरे में ही मौजूद थे। मां के इन्कार करने पर दारोगा ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए दोबारा गेट खोलने को कहा तो पिता बर्दाश्त नहीं कर सके। वह अपने कमरे से दोनाली बंदूक निकालकर छत पर पहुंच गए और फायरिंग कर दी। अगर दारोगा गाली न देता तो पिता फायरिंग नहीं करते।
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फॉलोअप: बिकरू बना कानपुर, विकास दुबे से खुद को बड़ा मानने वाला आरके दुबे गिरफ्तार, मिली 50 बुलेट्स मां से कहा गोली मार लूंगा छोटे बेटे राहुल ने बताया कि घटनाक्रम के बाद जब मां से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया था कि पिता बंदूक लेकर छत पर आए थे। सीढ़ियों के दरवाजे पर ही मां ने उन्हें रोका था तो उन्होंने कहा था कि अगर तुमने साथ नहीं दिया तो मैं खुद को गोली मार लूंगा। इतना सुनने के बाद साथ खड़े रहना मजबूरी थी।