ये भी पढ़ें- पक्ष में आया फैसला, तब भी राम मंदिर बनने में लग जाएंगे तीन साल, इतने करोड़ की आएगी लागत राजधानी में आक्रोश- प्रदेश की राजधानी में दिनदहाड़े एक नेता की हत्या से हिंदू संगठन बेहद आक्रोशित दिखा। अक्रोशित समर्थकों ने इसके विरोध में सड़क पर निकलकर प्रदर्शन किया और जबरन कई दुकानें भी बंद कराईं। जिसे देखते हुए भारी संख्या में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी गई है।
ये भी पढ़ें- इन दो दिन बंद रहेंगी शराब की सभी दुकानें, जारी हुए निर्देश 36 मिनट तक हमलवार रहे कमलेश के साथ
यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बताया है कि हमलावर करीब 36 मिनट तक कमलेश तिवारी के साथ थे। डीजीपी ने किसी परिचित के ही हत्या में शामिल होने की शक जताया है।
यूपी डीजीपी ओपी सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बताया है कि हमलावर करीब 36 मिनट तक कमलेश तिवारी के साथ थे। डीजीपी ने किसी परिचित के ही हत्या में शामिल होने की शक जताया है।
आईएसआईएस के निशाने पर थे कमलेश- कमलेश तिवारी हत्याकांड में ISIS का नाम जोड़ा जा रहा है। मीडिया खबरों की मानें, तो हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी ISIS के निशाने पर थे। 2017 में गुजरात एटीएस के हत्थे दो संदिग्ध -उबेद मिर्जा और कासिम- चढ़े थे, जिन्होंने पूछताछ में कमलेश तिवारी के नाम का खुलासा किया था। दोनों संदिग्धों को कमलेश की वीडियो दिखाई गई थी। कमलेश का वीडियो दिखा उबेद ने कमलेश को मारने की बात कही थी। वहीं कुछ प्रतिबंधित संगठनों ने कमलेश तिवारी के मारने पर 51 लाख रुपए का ईनाम रखा था।
मिठाई के डिब्बे किसका-
कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या मामले में गुजरात का सूरत कनेक्शन भी निकला है।हत्यारे सूरत की मिठाई के डिब्बे में हथियार छिपाकर लाए थे। डिब्बे पर सूरत के नामचीन धरती ब्रांड छपा हुआ है।
कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या मामले में गुजरात का सूरत कनेक्शन भी निकला है।हत्यारे सूरत की मिठाई के डिब्बे में हथियार छिपाकर लाए थे। डिब्बे पर सूरत के नामचीन धरती ब्रांड छपा हुआ है।