‘जिससे खुश उसका बेड़ा पार, जिससे नाखुश उसका बंटाधार’
कल्याण सिंह ने कहा कि आरक्षण का हक हासिल करने के लिए हमने लाठी-डण्डे खाए। सीने पर गोलियां खाईं। कई लोगों की जान भी गई। उन्होंने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जाता है कि आरक्षण व्यवस्था खत्म हो जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं। 125 करोड़ में हमारी आबादी 82 प्रतिशत है। हमें नाराज कर कोई भी सत्ता में नहीं आ सकता है। हमसें आरक्षण का अधिकार छीनने का साहस कोई नहीं कर सकता, अगर करे तो थप्पड़ मार कर अधिकार छीन लो। इसके लिए हमें संगठित होकर अपनी ताकत पहचाननी पड़ेगी। लोगों को एहसास दिलाना होगा कि हम ‘जिससे खुश उसका बेड़ा पार, जिससे नाखुश उसका बंटाधार’।
कल्याण सिंह ने कहा कि आरक्षण का हक हासिल करने के लिए हमने लाठी-डण्डे खाए। सीने पर गोलियां खाईं। कई लोगों की जान भी गई। उन्होंने कहा कि अक्सर लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जाता है कि आरक्षण व्यवस्था खत्म हो जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ होने वाला नहीं। 125 करोड़ में हमारी आबादी 82 प्रतिशत है। हमें नाराज कर कोई भी सत्ता में नहीं आ सकता है। हमसें आरक्षण का अधिकार छीनने का साहस कोई नहीं कर सकता, अगर करे तो थप्पड़ मार कर अधिकार छीन लो। इसके लिए हमें संगठित होकर अपनी ताकत पहचाननी पड़ेगी। लोगों को एहसास दिलाना होगा कि हम ‘जिससे खुश उसका बेड़ा पार, जिससे नाखुश उसका बंटाधार’।
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महिला-पुरुष दोनों को शिक्षित करना होगाकल्याण सिंह ने कहा कि मैं कल रहूं या न रहूं। पर, मेरी बात हमेशा आपके साथ रहेगी। हमारे अधिकार क्या हैं? इसे जानने के लिए महिला-पुरुष दोनों को शिक्षित होना पड़ेगा। उन्हें समाज में बराबर की भागीदारी देनी होगी। देश मेंपिछड़े वर्ग के अधिकारियों की संख्या बहुत कम हैं। ऐसा क्यों है? इस पर सभी को विचार करना होगा।
गरीब सवर्णों को आरक्षण की वकालत
कार्यक्रम में कल्याण सिंह ने सवर्णों को गरीबी के आधार पर आरक्षण देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अगर ऊंची जाति के गरीब लोगों को आरक्षण मिलता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। बस हमारे अधिकार में से कटौती न की जाये।
कार्यक्रम में कल्याण सिंह ने सवर्णों को गरीबी के आधार पर आरक्षण देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अगर ऊंची जाति के गरीब लोगों को आरक्षण मिलता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। बस हमारे अधिकार में से कटौती न की जाये।